मंगलवार को भी पश्चिमी विक्षोभ का असर हरियाणा के अनेक स्थानों पर रहा। इससे भीषण गर्मी और लू से राहत मिली। आईएमडी के नारनौल स्थित सब सेंटर के नोडल अधिकारी डॉ. चंद्रमोहन के अनुसार बुधवार से मौसमी प्रणाली का प्रभाव हरियाणा, एनसीआर व दिल्ली से हट जाएगा और राजस्थान पर फिर से प्रति चक्रवातीय परिसंचरण अपनी जगह बना लेगा। इससे मरूस्थलीय पश्चिमी शुष्क हवाओं का प्रभाव मैदानी राज्यों राजस्थान, हरियाणा, एनसीआर व दिल्ली पर हो जाएगा। संपूर्ण इलाके में तापमान में लगातार दो दिन बढ़ोतरी दर्ज होगी। मौसम वैज्ञानिक के मुताबिक जल्द ही उत्तरी मैदानी राज्यों में राहत की बारिश होने की प्रबल संभावनाएं बन रही हैं। 19 की शाम और 21, 23 मई को पर्वतीय क्षेत्रों में पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने की वजह से मैदानी राज्यों में भीषण गर्मी और लू से राहत मिलने की संभावना है। डॉ. चंद्रमोहन ने बताया कि कमजोर पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से पश्चिमी राजस्थान पर एक चक्रवातीय परिसंचरण बनने से हवाओं की दिशा दक्षिणी-पूर्वी और दक्षिणी-पश्चिमी हो गई है। इसके असर से मंगलवार दोपहर बाद पश्चिमी और पूर्वी दक्षिणी जिलों में नए बादलों का फुटाव और बादलवाही होने की वजह से सिरसा, भिवानी, चरखी दादरी, महेंद्रगढ़, झज्जर जिले में अनेक स्थानों पर तेज गति की धूल भरी हवाओं के साथ बूंदाबांदी हुई। हालांकि सिरसा प्रदेश में सबसे गर्म रहा, जहां अधिकतम तापमान 44.7 डिग्री दर्ज किया गया। मंगलवार को हरियाणा, एनसीआर व दिल्ली में अधिकतर स्थानों पर अधिकतम तापमान 38.0 से 44.0 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 24.0 से 31.3 डिग्री सेल्सियस के बीच दर्ज किया गया।