चीनी मिल में पिराई सत्र शुरू, शुगर मिल में एडवांस टोकन सिस्टम की शुरूआत, किसानों को मिलेगा फायदा

lalita soni

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मिल में पहली बार एडवांस टोकन सिस्टम को लागू किया गया है, इस सिस्टम से किसान अपने घर पर ही मिल के केन यार्ड में गन्ने की ट्रालियों की संख्या को देखकर टोकन लगा सकेंगे। इसके चलते अब मिल में जाम की स्थिति नहीं बनेगी।

Crushing season starts in sugar mill in Kurukshetra, advance token system started in sugar mill

सहकारी चीनी मिल का 40वां पिराई सत्र वीरवार को शुरू हुआ। इसका शुभारंभ राज्य सहकारी चीनी मिल प्रसंग के चेयरमैन एवं शाहाबाद विधायक रामकरण ने किया। इस सत्र में में 74 लाख क्विंटल गन्ना पिराई, 10.75 फीसदी शुगर रिकवरी, 8.80 लाख क्विंटल चीनी और पांच करोड़ यूनिट बिजली निर्यात का लक्ष्य रखा गया है।

चीनी मिल द्वारा पिराई सत्र शुरू,  74 लाख क्विंटल गन्ने की पिराई का रखा लक्ष्य
चीनी मिल द्वारा पिछले पिराई सत्र में 74.24 लाख क्विंटल गन्ने की पिराई करके 7.75 लाख क्विंटल चीनी का उत्पादन किया गया और 10.44 फीसदी चीनी की रिकवरी करके 4.63 करोड़ यूनिट की बिजली का निर्यात किया, इससे मिल को 18.51 करोड़ रुपए की आय हुई। चीनी मिल को तकनीकी दक्षता के लिए राष्ट्रीय स्तर पर 29 पुरस्कार मिल चुके है और मिल को चार बार राज्य स्तर पर पुरस्कार हासिल हो चुका है।

मिल में पहली बार एडवांस टोकन सिस्टम को लागू किया गया है, इस सिस्टम से किसान अपने घर पर ही मिल के केन यार्ड में गन्ने की ट्रालियों की संख्या को देखकर टोकन लगा सकेंगे। इसके चलते अब मिल में जाम की स्थिति नहीं बनेगी। इससे जहां किसानों को गन्ने की ट्राली खाली करवाने में कम समय लगेगा तो वहीं समय की भी बचत होगी। इस सिस्टम से मिल को ताजा गन्ना मिलेगा और मिल की चीनी रिकवरी भी बढ़ेगी।

शाहबाद शुगर मिल के 40वें पिराई सत्र में चेयरमैन एवं शाहबाद विधायक रामकरण काला, अनुसूचित जाति आयोग के चेयरमैन रविंद्र बलियाला, उपायुक्त शांतनु शर्मा, चीनी मिल के  निदेशक राजीव प्रसाद ने मशीन में गन्ना डालकर चीनी मिल की शुरूआत की।

उन्नत किस्म के बीज अपनाए किसान : रामकरण
चेयरमैन एवं विधायक रामकरण ने कहा कि प्रदेश सरकार गन्ना काश्तकारों को सबसे ज्यादा दाम दे रही हैं। इस सरकार के कार्यकाल में शुगर मिलों की आर्थिक स्थिति में सुधार लाने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इसके अंतर्गत कृषि विभाग द्वारा गन्ने की नई उन्नतशील किस्मों को बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्नत किस्म के बीज को अपनाने से किसानों को विशेष फायदा मिलेगा।