खरीफ सीजन में करिए दलहन और तिलहन की खेती, प्रति एकड़ 4000 रुपए देगी सरकार

Parmod Kumar

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देश में अभी खरीफ फसलों की खेती का सीजन चल रहा है. इस सीजन में खरीफ की प्रमुख फसल धान की खेती प्रमुखता से होती है. न्यूनतम समर्थन मूल्य और अधिक उत्पादन की लालच में किसान इस सीजन में धान की ही सबसे अधिक खेती करते हैं. लेकिन धान की फसल के लिए पानी की काफी जरूरत होती है. वहीं अंधाधुंध रासायनिक खादों के इस्तेमाल से खेत की उर्वरा शक्ति भी कमजोर होती है. पानी के सीमित स्रोत के कारण और मिट्टी की उर्वरा शक्ति को बनाए रखने के लिए हरियाणा की सरकार खरीफ सीजन में दलहन और तिलहन की खेती को बढ़ावा दे रही है. सरकार की कोशिश है कि भूमि की उर्वरा शक्ति को बढ़ाने के साथ-साथ राज्य में खाद्य तेल की उपलब्धता सुनिश्चित हो सके. किसान खरीफ सीजन में दलहन और तिलहन की खेती करें, इसके लिए सरकार आर्थिक मदद भी दे रही है. खरीफ सीजन में बाजरा की बजाय दलहनी और तिलहनी फसल की खेती करने वाले किसानों को हरियाणा सरकार प्रति एकड़ के हिसाब से 4000 रुपए प्रोत्साहन राशि के रूप में देगी।

किसानों को दी जाएगी 4000 रुपए की वित्तीय सहायता

एक सरकारी प्रवक्ता ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि राज्य सरकार द्वारा हरियाणा के सभी (विशेषकर प्रमुख बाजरा उत्पादक) जिलों में दलहनी (मूंग और अरहर) व तिलहनी (अरंड, मूंगफली) की फसलों की खेती के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है. सरकार का लक्ष्य है कि 70 हजार एकड़ क्षेत्र में बाजरा की बजाय दलहनी फसलें और 30 हजार एकड़ क्षेत्र में बाजरा की बजाय तिलहनी फसलों की बिजाई की जाए. उन्होंने बताया कि इसके तहत किसानों को 4 हजार रुपए प्रति एकड़ की वित्तीय सहायता भी दी जाएगी. प्रवक्ता ने बताया कि दलहनी फसलें लगाने से जहां भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ती है वहीं तिलहनी फसलों को बढ़ावा देने से प्रदेश में खाद्य तेल की उपलब्धता सुनिश्चितता होगी. उन्होंने बताया कि उक्त फसलों के पंजीकरण के लिए ‘मेरी फसल मेरा ब्योरा’ पोर्टल पर 31 जुलाई 2021 तक पंजीकरण करवाया जा सकता है. इस पोर्टल पर पंजीकरण कराने वाले किसानों को आर्थिक सहायता दी जाएगी।

राज्य में बाजरे का हो रहा अधिक उत्पादन

इससे पहले राज्य के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा था कि प्रदेश में बाजरे का उत्पादन अधिक हो रहा है, इसलिए इस बार सरकार ‌ने निर्णय लिया है कि जो किसान बाजरे के स्थान पर दाल और तिलहन उगाएंगे, उन्हें सरकार की ओर से 4000 रुपए प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि दी जाएगी. उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार 11 फसलों की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद करती है. इस बार किसानों के बैंक अकाउंट में डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर स्कीम के तहत सीधे भुगतान किया गया है. किसानों को 1700-1800 करोड़ रुपए का भगुतान सीधे उनके बैंक खातों में किया गया है. मुख्यमंत्री ने कहा था कि राज्य सरकार स्वस्थ, सुरक्षित और समर्थ हरियाणा की कल्पना के साथ विकास की गति पर चल रही है. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने पिछले कार्यकाल से ही निरंतर व्यवस्था परिवर्तन के कार्य किए हैं. मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर किसानों से उनके खेत की जानकारी ली जाती है, ताकि यह पता लग सके कि कितने क्षेत्र में कौनसी फसल की बुवाई की गई है. इससे फसल खरीद का प्रबंधन सही होने के साथ-साथ किसानों को सरकार की ओर से दिए जाने वाले लाभ के लिए भी रियल टाइम जानकारी का उपयोग किया जाता है।