कपास के मुआवजे पर हिसार में दिन भर चला हंगामा; शाम को हुई थी गिरफ्तारी

Parmod Kumar

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हिसार में गुरुवार देर रात तक किसानों का हंगामा चलता रहा। बालसमंद में वर्ष-2021 में खराब हुई कपास की फसल के मुआवजे को लेकर धरने बैठे किसानों को हिसार पुलिस लाइन में लाया गया। किसानों की गिरफ्तारी की खबर फैली तो किसानों की भीड़ उमड़ने लगी। बाद में किसानों को देर रात पुलिस ने छोड़ दिया। संयुक्त किसान मोर्चा हिसार की ओर से रात को कहा गया कि ‘कितनी लम्बी जेल है तेरी देख लिया और देखेंगें’। जब तक मुआवजा नहीं मिल जाता, आन्दोलन जारी रहेगा। इससे पहले किसानों के धरने के चलते 7 घंटे तक हिसार-भादरा रोड जाम रहा। किसान इस बात को लेकर अड़े रहे कि अधिकारी आकर लिखित में आश्वासन दे, लेकिन प्रशासन ने किसानों की नहीं सुनी। बता दें कि वर्ष 2021 में खराब हुई कपास की फसल के मुआवजे की मांग को लेकर किसान 11 मई से बालसमंद तहसील में धरने पर बैठे हैं। गुरुवार को किसानों ने महापंचायत बुलाई थी। किसानों का धरना शुरू हुआ, लेकिन दिन भर हंगामा चलता रहा। किसान पक्की गिरफ्तारी देने की मांग पर अड़े रहे। पुलिस ने शाम को किसानों को उठाया तो भड़क गए। पुलिस को बाद में रिहा करना पड़ा। किसान सुबह 10 बजे ही ट्रेक्टर-ट्रालियों में भरकर बालसमंद धरने में पहुंचना शुरू हो गए थे। इसके बाद किसानों ने हिसार-भादरा रोड पर ही टैंट गाड़ दिया। किसानों ने अलटीमेटम दिया कि दो बजे तक प्रशासन के अधिकारी किसानों को लिखित में आश्वासन दें। लेकिन कोई अधिकारी किसानों के बीच नहीं पहुंचा। किसानों की महापंचायत के चलते हिसार-भादरा रोड करीब 7 घंटे तक यातायात के लिए बंद रहा। भारी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा। इसके बाद किसानों ने गिरफ्तारी देने का ऐलान किया और किसानों का एक दल शाम को चार बजे के बाद बालसमंद पुलिस चौकी पहुंच गया। किसान यहां अड़े रहे कि उनकी पक्की गिरफ्तारी की जाए। इसके बाद डीएसपी नारायण चंद , सदर थाना इंचार्ज मनदीप सिंह की मौजूदगी में पुलिस तीन बसों में किसानों को लेकर हिसार रवाना हो गई। किसान नेता कुलदीप खरड़ ने बताया कि सरकार ने किसानों को पुलिस लाइन में बंधक बनाया हुआ है। बालसमंद तहसील से गिरफ्तार किए गए सैंकड़ों किसानों को अभी तक रिहा नहीं किया गया है। देर शाम तक पुलिस किसानों को पुलिस लाइन में ही रोके रही। इस बीच संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से संदेश दिया गया कि किसानों को बंधक बना लिया गया है। इसके बाद किसान मौके पर जुटने लगे तो रात को किसानों को पुलिस ने रिहा कर दिया। किसान नेताओं ने रात को ही संदेश दिया कि किसानों को रिहा कर दिया गया है। साथ ही आंदोलन काे जारी रखने का ऐलान भी किया।