मांगों पर सहमति के बाद अंबाला बस स्टैंड से उठाया शव, खुला चक्का जाम

lalita soni

0
59

रोडवेज चालक राजबीर की हत्या में शामिल तीनों आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं। छावनी के तोपखाना के रहने वालों के रूप में आरोपियों की पहचान हुई है। चालक को शहीद का दर्ज मिलने की बात कही जा रही है। परिवार को 15 लाख रुपये मुआवजा और योग्यता के आधार पर सरकारी नौकरी पर सहमति बनी है।

Haryana: Dead body picked up from Ambala bus stand after agreeing to demands, traffic jam opened

प्रदेशभर में हरियाणा रोडवेज का चक्का जाम करीब 20 घंटे बाद आखिरकार परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा की बैठक के बाद खुल गया। सहमति बनने के बाद हरियाणा रोडवेज की चरमराई व्यवस्था पटरी पर लौट आई। वहीं मांगों पर सहमति बनने के बाद परिजनों ने करीब 51 घंटे बाद छावनी बस स्टैंड परिसर में रखे चालक मृतक राजबीर के शव को उठा लिया और अपने घर को रवाना हो गए।

उधर, पुलिस ने राजबीर की हत्या मामले में तीनों आरोपियों को काबू कर लिया है। वीरवार को उन्हें कोर्ट में पेश करने की बात कही जा रही है, लेकिन पुलिस अधिकारिक पुष्टि नहीं कर रही है। बताया जाता है कि तीनों आरोपी डस्टर में सवार होकर बस स्टैंड के बाहर सिगरेट लेने के लिए आए थे। चालक राजबीर बस स्टैंड के मुख्य गेट पर पार्किंग बूथ पर तैनात था।

उसकी ड्यूटी यह थी कि वो बाहरी राज्यों से आने वाली बसों की सरकारी फीस लेता था। इतने में कार के आगे आने पर चालक को हटाने को लेकर बहस हो गई। देखते ही देखते बात इतनी बढ़ गई कि युवकों ने मारपीट शुरू कर दी। गंभीर रूप से घायल चालक ने चंडीगढ़ पीजीआई में उपचार के दौरान दम तोड़ दिया था।

बैठक में सरकार द्वारा हरियाणा रोडवेज के ड्राइवर राजवीर के परिजनों को 15 लाख रुपये मुआवजा, योग्यता के आधार पर सरकारी नौकरी और 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर शहीद का दर्जा देगी। मांगों पर सहमति बनने के बाद हरियाणा रोडवेज यूनियन ने बस चलाने का फैसला लिया है।

राजकीय सम्मान के साथ होगा संस्कार
दूसरी ओर, बैठक में तीन मांगों पर सहमति बनने के बाद मृतक राजबीर को शहीद का दर्जा मिला है। ऐसे में अब राजबीर का राजकीय सम्मान के साथ उसके गांव में संस्कार होगा। हालांकि इस मामले को लेकर करीब पांच बार परिजनों, यूनियन नेताओं व प्रशासनिक अधिकारियों की बैठक हो चुकी थी जो बेनतीजा रही। गौरतलब है कि छावनी बस स्टैंड पर परिजन सोमवार रात करीब आठ बजे से ही परिजन शव फ्रीजर में रखकर धरने पर बैठे हुए थे। यूनियन का समर्थन मिलने के बाद मंगलवार रात 12 बजे से भी प्रदेशभर में चक्का जाम हो गया था। ऐसे में दिनभर यात्रियों को प्राईवेट, पंजाब रोडवेज बस आदि का सहारा लेना पड़ रहा था।

हरियाणा सिविल सचिवालय सेक्टर-1 चंडीगढ़ में बैठक के लिए अंबाला से साझा मोर्चा से जुड़ी यूनियनों से करीब 20 नेता शामिल थे। इनमें साझा मोर्चा से नेता आजाद सिंह गिल, नरेंद्र दिनोंद, विनोद शर्मा, सुमेर सिवाच, रमेश शोकंद सहित अन्य शामिल रहे।