ऑटो मार्केट के व्यापारियों के लिए रविवार का दिन राहत भरा रहा। ऑटो मार्केट के व्यापारियों की मांगों को मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने प्रमुखता से लेते हुए समाधान करने के अधिकारियों को आदेश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि 1997-98 में ऑटो मार्केट सिरसा से ली गई 70 लाख रुपये की राशि बैंक ब्याज सहित लौटाई जाएगी।जो 5 करोड़ रुपये से अधिक बनती है। ऑटो मार्केट में दुकानें, पेट्रोल पंप, सर्विस स्टेशन, रेस्टोरेंट आदि के लिए निर्धारित भूमि अलॉट करने की भी मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने घोषणा की। ऐसा लग रहा था कि वे सिरसा के लिए विशेष तौर पर घोषणाएं करने के लिए ही आए थे। क्योंकि अपने लगभग 48 मिनट के हवाई सफर के दौरान मुख्यमंत्री ने रास्ते में ही अधिकारियों से तमाम मामलों को लेकर फीडबैक ले लिया था।
मुख्यमंत्री ने ऑटो मार्केट में 7 करोड़ रुपए की लागत से 210 नई दुकानों का निर्माण करवाकर नीलामी द्वारा इन दुकानों को अलाट करने का ऐलान किया। ये दुकानें केवल उन्हीं लोगों को वितरित की जाएंगी, जो लोग इसी सेक्टर से जुड़े क्षेत्र में काम कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऑटो मार्केट में निर्धारित पेट्रोल पंप की जमीन पर पेट्रोल पंप लगाने के लिए जल्द ही नीलामी करवाई जाएगी। इसका मिनिमम बेस प्राइस 9 करोड़ रुपये रखा जाएगा। ऑटो मार्केट में दो सर्विस स्टेशन और रेस्टोरेंट के लिए भी जगह निर्धारित की गई है। इस भूमि को भी नीलामी के जरिए बेचा जाएगा।जिससे अर्जित आय व रेवन्यु भी ऑटो मार्किट को मिलने के संकेत हैं
उन्होंने ऑटो मार्केट में नगर परिषद द्वारा करीब एक एकड़ भूमि पर बनी 36 दुकानों को कलेक्टर रेट के हिसाब से ऑटो मार्केट को ट्रांसफर किए जाने जाने की घोषणा करके आटो मार्केट में कारोबार करने वालों का दिल जीत लिया। यह पहला मौका था जब बिना किसी पब्लिक मीटिंग के मुख्यमंत्री ने ऑटो मार्केट की 38 साल पुरानी समस्या का एकदम से मौके पर ही हल कर दिया। अतीत में कई सरकारें आई व गई मगर किसी भी मुख्यमंत्री ने इस स्तर पर सिरसा के लिए काम नही किया।
इस मार्केट का नाम बाबा सरसाईं नाथ के नाम से किए जाने की भी घोषणा उन्होंने की।इसके अलावा मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने आढ़तियों की मांग पर अनाज मंडी में होने वाले विकास व मरम्मत कार्य मार्केटिंग बोर्ड की अधीन करने की घोषणा की। मंडी में सीवरेज, सफाई सहित अन्य हर प्रकार की समस्या का हल मार्केटिंग बोर्ड की तरफ से किया जाएगा। मुख्यमंत्री मनोहर लाल सिरसा अनाज मंडी में पहुंचे। यहां पर उन्होंने खरीद के संबंध में जानकारी ली। आढ़ती एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री से बातचीत करते हुए मांग रखी कि मंडी में सीवरेज सहित अन्य कई प्रकार की समस्याएं है। इस कारण उन्हें एक जगह से दूसरी जगह पर चक्कर काटने पड़ते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि आपकी मांग पूरी कर दी है।
आढ़तियों के लाइसेंस हर वर्ष बढ़ाने की बात पर मुख्यमंत्री ने मार्केट कमेटी सचिव से पूछा कि कमेटी ने आढ़तियों के लाइसेंस को एक वर्ष के लिए क्यों बढ़ाया जाता है, इसे अधिक समय के लिए क्यों नहीं बढ़ाया जा रहा। सचिव ने नियमों का हवाला देने के बाद मुख्यमंत्री ने इस संबंध में विचार करने की बात कही। इतना ही नहीं, सीएम ने डेरा राधास्वामी ब्यास के गद्दीनशीन बाबा गुरविंद्र सिंह ढिल्लों को चार दिन स्टेट गेस्ट के तौर पर सुविधा दी।
थेड़ के वाशिंदों को जमीन
सिरसा के विवादित थेड़ के विस्थापित लोग अभी तक हुडा के फ्लैट्स में रह रहे थे। पुरातत्व विभाग द्वारा उन्हें थेड़ स्थित घरों से निकालकर विस्थापित कर दिया गया। तब से लेकर मुख्यमंत्री उनकी समस्याओं को लेकर काफी चिंतित हैं। अपने दौरे के दौरान मुख्यमंत्री हुडा के फ्लैट्स में गए और यहां रहने वाले लोगों को सिरसा जिले के गांव सलारपुर में एक-एक मरला जगह देने का ऐलान करके उनकी दीवाली की खुशियां दोगुनी कर दी। साथ ही मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि उनके लिए मकान बनाने को ऋण की व्यवस्था हो सकी तो वह भी करवाएंगे और सरकार के तौर पर जितनी मदद हो सकेगी, वे अवश्य करेंगे।
अच्छे रणनीतिकार हैं तरुण भंडारी
मुख्यमंत्री के पब्लिसिटी सलाहकार तरुण भंडारी इस पूरे दौरे के दौरान उनके साथ रहे। तरुण भंडारी वैसे तो मीडिया की बहुत अच्छी समझ रखते हैं लेकिन वे सलाहकार के तौर पर भी मुख्यमंत्री को बढिय़ा मशविरे देते हैं। मुख्यमंत्री की उनके साथ अच्छी ट्यूनिंग बैठती है। इसी वजह से वे लगभग हर दौरे में मुख्यमंत्री मनोहर लाल के साथ दिखाई देते हैं। कई अवसरों पर तरुण भंडारी सरकार की नीतियों को सही ढंग से जनता के बीच प्रचारित करने में मीडिया कर्मियों के साथ सेतु की भूमिका में खड़े दिखाई देते हैं।
पहले रैलियां कर मांगे पूर्ण की जाने की प्रथा, बदली मनोहर ने
अतीत में कोई भी सी एम रहे हों ज्यादातर विधायकों व मंत्रियों को पब्लिक रैलिया कर मांगे रखने की प्रथा का बदलाव सी एम मनोहरलाल ने किया है।समस्या तुम लायो समाधान हम करेंगे के फार्मूले पर सिरसा दौरे में यह सब देखने को मिला।मुख्यमंत्री जब जहाज से चंडीगढ़ से सिरसा के लिए चले तो सिरसा वाली फाइल निकाल अध्ययन किया व वहां की समस्याओं को लेकर अपने सहयोगियों के माध्यम से अधिकारी वर्ग से बात करते गए।जहाज के अपने 48 मिंट के सफर के समय का भी सी एम ने बखूबी इस्तेमाल किया।