दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने दिया इस्तीफा, सीबीआई की हिरासत में हैं

Parmod Kumar

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दिल्ली के राजनीति में मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद हलचल मच गई है. आप (AAP) सरकार के दो मंत्रियों, मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन, ने उन पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच मंगलवार (28 फरवरी) को कैबिनेट से इस्तीफा भी दे दिया. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने उनके इस्तीफे स्वीकार कर लिए हैं. इस मामले को लेकर आप और बीजेपी में जोरदार वार पलटवार भी हुआ है. बुधवार को बीजेपी (BJP) दिल्ली में इस मुद्दे को लेकर प्रदर्शन भी करेगी. जानिए मामले से जुड़ी बड़ी बातें.

सीबीआई ने साल 2021-22 के लिए शराब नीति बनाने और उसे लागू करने में कथित भ्रष्टाचार को लेकर उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को रविवार को गिरफ्तार किया था. ये नीति अब रद्द की जा चुकी है. सीबीआई का कहना है कि आबकारी नीति तैयार करने और कार्यान्वयन दोनों में अनियमितताएं थीं. उसका मकसद आप से जुड़े लोगों को कथित तौर पर लाभ पहुंचाना था. आबकारी विभाग मनीष सिसोदिया के पास ही था. सिसोदिया 4 मार्च तक के लिए सीबीआई की हिरासत में हैं.

मंगलवार को कैबिनेट से इस्तीफा देने वाले स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन पहले से ही तिहाड़ जेल में बंद हैं. उन्हें पिछले साल ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया था. आरोप है कि साल 2014-15 में जब सत्येंद्र जैन मंत्री पद पर थे तब उन्होंने कोलकाता की शेल कंपनियों से पैसे लिए थे.

 मनीष सिसोदिया ने मंगलवार को जमानत देने और प्राथमिकी को रद्द किए जाने का अनुरोध करते हुए सुप्रीम कोर्ट का भी दरवाजा खटखटाया. सुप्रीम कोर्ट ने सिसोदिया की याचिका पर विचार करने से इंकार कर दिया. कोर्ट ने कहा कि इससे गलत परंपरा कायम होगी और उनके (सिसोदिया) पास प्रभावी वैकल्पिक उपाय हैं. सिर्फ इसलिए कि घटना दिल्ली में हुई है, सिसोदिया सीधे यहां नहीं आ सकते हैं. उनके पास संबंधित निचली अदालत के साथ-साथ दिल्ली उच्च न्यायालय के पास जाने के भी उपाय हैं.

आप विधायक सौरभ भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली में मंत्रिमंडल काफी छोटा है और ज्यादातर महत्वपूर्ण विभाग सत्येंद्र जैन और मनीष सिसोदिया के पास थे. काम में पिछड़ने से बचने के लिए बहुत जल्द दो नए मंत्रियों को नियुक्त किया जाएगा. सौरभ भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली के काम न रुकें इसलिए उन दोनों ने अपना इस्तीफा सौंपा हैं. पूरी दुनिया में अपने काम के जरिए पहचाने जाने वाले मंत्रियों को केंद्र सरकार ने झूठे केस में फंसाया है. सत्येंद्र जैन के भी मंत्रालय सिसोदिया जी ही देख रहे थे इसलिए उन दोनों ने अपना इस्तीफा सौंपा हैं.

केजरीवाल सरकार ने मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन के विभागों को मंत्री कैलाश गहलोत और राजकुमार आनंद में बांटा है. दिल्ली सरकार का बजट इस साल कैलाश गहलोत पेश करेंगे, कैलाश गहलोत को वित्त मंत्रालय की जिम्मेदारी भी सौंपी गई है. राजकुमार आनंद को शिक्षा, स्वास्थ्य मंत्रालय दिए गए हैं.

 आप के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा कि दिल्ली का काम बाधित न हो इसलिए इस्तीफे लिए गए हैं. आरोपों पर बात की जाए तो वो निराधार हैं, तथ्यहीन हैं. उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि बीजेपी माइनिंग घोटाला करेगी, अडानी के साथ देश लूटेगी और इस्तीफा आप पार्टी से मांग रही है. ये डकैत हैं और डकैतों के सवालों पर ज्यादा ध्यान न दिया जाए.

दिल्ली के आबकारी नीति घोटाले मामले में मंगलवार को सीबीआई कोर्ट ने समीर महेंद्रू, कुलदीप सिंह, नरेंद्र सिंह, अरुण रामचंद्रन पिल्लई और मूथा गौतम को जमानत दी है. समीर महेंद्रू को ईडी ने गिरफ्तार किया था. वो जमानत मिलने के बाद भी अभी जेल में ही रहेगा.

सिसोदिया के इस्तीफे को अपनी जीत बता कांग्रेस ने सीएम अरविंद केजरीवाल का इस्तीफा मांगा है. दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष अनिल चौधरी ने कहा कि मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी और इस्तीफे से साफ हो गया कि कांग्रेस के आरोप सही थे. दूसरे मंत्री सत्येंद्र जैन ने भी इस्तीफा दिया. नैतिकता के आधार पर अरविंद केजरीवाल को भी इस्तीफा देना चाहिए. मनीष सिसोदिया पहले नैतिकता के आधार पर मनमोहन सिंह और पी चिदंबरम का इस्तीफा मांगते थे, तो क्या अब नैतिकता के आधार पर ही केजरीवाल को इस्तीफा नहीं दे देना चाहिए?

 दिल्ली बीजेपी के नेता वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि आज दिल्ली की जीत हुई है. सुप्रीम कोर्ट ने आप को आइना दिखाया है. जांच की आंच से घबराए केजरीवाल ने दोनों मंत्रियों के इस्तीफे ले लिए. जब से शराब नीति आई थी, हम सड़कों पर थे. जिस दिन सीबीआई जांच की मांग स्वीकार गई. उसी दिन शराब नीति वापस ली जाती है. उसी दिन विश्वास हो गया था कि ये आदमी जेल में जाएगा.

वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि 2% से 12% की दलाली का पर्दाफाश होगा. दिल्ली की जनता ने जो संघर्ष किया उसका पहला परिणाम देखने को मिला. लड़ाई खत्म नहीं हुई है. पूरे घोटाले के सूत्रधार अरविंद केजरीवाल को भी इस्तीफा देना होगा. कल दिल्ली के प्रमुख चौराहों पर अपना गुस्सा दिखाएंगे, प्रदर्शन करेंगे. शराब आंदोलन को लेकर एक समिति का गठन किया है. लोगों को इस घोटाले के बारे में जागरूक किया जाएगा. तमाम सांसद और नेता इस अभियान में मौजूद रहेंगे.