फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंचा दिल्ली-हरियाणा जल विवाद, 25 को होगी अगली सुनवाई!

Parmod Kumar

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आज जब पूरी दुनिया विश्व जल दिवस मना रही है. वहीं, दिल्ली आज अपने हिस्से का पानी मांगने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा रही है.हरियाणा से दिल्ली के हिस्से के मिलने वाले पानी में कटौती होने पर दिल्ली जल बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए अपील की है कि इस मामले पर जल्द हस्तक्षेप कर पर्याप्त पानी की सप्लाई कराने के आदेश हरियाणा को दिए जाएं. होली का त्यौहार नजदीक है और पानी की मांग इस दौरान ज्यादा होती है. याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने सूचीबद्ध करते हुये 25 मार्च को सुनवाई की तारीख तय की है.एक तरफ आज पूरी दुनिया विश्व जल दिवस 2021 (World Water Day 2021) मना रही है. वहीं दिल्ली आज अपने हिस्से का पानी मांगने के लिए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का दरवाजा खटखटा रही है. दरअसल, दिल्ली-हरियाणा के बीच लंबे समय से चल रहा पानी का विवाद एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है.हरियाणा से दिल्ली के हिस्से के मिलने वाले पानी में कटौती होने पर दिल्ली जल बोर्ड (Delhi Jal Board) परेशान है. ऐसे में अब जल बोर्ड की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए अपील की है कि इस मामले पर जल्द हस्तक्षेप कर पर्याप्त पानी की सप्लाई कराने के आदेश हरियाणा को दिए जाएं.दिल्ली जल बोर्ड की ओर से सुप्रीम कोर्ट में वकील ने याचिका दाखिल करते हुये अवगत कराया है कि हरियाणा लगातार दिल्ली के हिस्से का कम पानी छोड़ रहा है. दिल्ली को कम आपूर्ति होने वाले पानी की वजह से पानी की किल्लत झेलनी पड़ रही है. याचिकाकर्ता जल बोर्ड की ओर से सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई गई है कि वह इस मामले पर जल्द से जल्द सुनवाई करे. जल बोर्ड ने यह भी समस्या सुप्रीम कोर्ट के समक्ष रखी है कि होली (Holi) का त्यौहार नजदीक है और पानी की मांग इस दौरान ज्यादा होती है. इसलिए दिल्ली वालों को जलापूर्ति में दिक्कत ना आए इसके लिए पर्याप्त पानी की सप्लाई पड़ोसी राज्य हरियाणा से सुनिश्चित की जाए. याचिकाकर्ता ने यह भी समस्या कोर्ट के समक्ष अपनी याचिका में रखी है कि कम पानी आने से यमुना में प्रदूषण भी कल लेवल भी लगातार बढ़ रहा है. अगर हरियाणा दिल्ली के हिस्से का पर्याप्त पानी सप्लाई करे तो राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पानी की समस्या नहीं रहेगी और यमुना में प्रदूषण का लेवल भी नहीं बढ़ सकेगा. याचिकाकर्ता की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने सूचीबद्ध करते हुये इस मामले पर आगामी 25 मार्च को सुनवाई की तारीख तय की है. इस बीच देखा जाए तो हरियाणा की ओर से दिल्ली को हर रोज 1133 क्यूसेक पानी की सप्लाई करने का दावा किया जाता रहा है. वहीं दिल्ली सरकार (Delhi Government) की ओर से हरियाणा पर यह आरोप लगाया जाता रहा है कि हरियाणा सिर्फ 479 एमजीडी पानी ही उसको मुहैया करा रहा है जबकि 609 एमजीडी पानी की जरूरत दिल्ली को हर रोज होती है. जल बोर्ड का आरोप यह भी है कि उसको कैरीड लाइन चैनल (CLC) के जरिए 549 क्यूसेक और दिल्ली सब ब्रांच (DSB) से 306 पानी क्यूसेक पानी ही सप्लाई होता है. यह हथनीकुंड व मुनक नहर के साथ-साथ भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (Bhakra Beas Management Board) के जरिए दिल्ली को सप्लाई किया जाता है. वहीं, हरियाणा का यह भी दावा करता रहा है कि वह हर रोज 120 क्यूसेक पानी यमुना के जरिए भी दिल्ली को मुहैया कराता रहा है. हरियाणा का दिल्ली पर लगातार यह भी आरोप लगता रहा है कि दिल्ली जल बोर्ड सीधे तौर पर मिलने वाले पानी को यूज नहीं करता है बल्कि वह खेती आदि के लिए भी हरियाणा से मिलने वाले पानी को प्रयोग करता रहा है. जल बोर्ड ने अपने वाटर ट्रीटमेंट प्लांटों को भी अपग्रेड नहीं किया है. जानकारी के मुताबिक यमुना के जरिए मिलने वाले 120 क्यूसेक पानी को दिल्ली जल बोर्ड अपने ओखलाा, बवानाा, द्वारका, वजीराबाद, हैदरपुर आदि  वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में स्टोर करता है. और उसको पीने योग्य बनाता है. हरियाणा पर हमेशा आरोप लगता रहा है कि यमुना में अमोनिया का ज्यादा लेवल बढ़ने की वजह से दिल्ली पानी की सप्लाई को पर्याप्त मात्रा में सप्लाई नहीं कर पाता है.