दिल्ली हाईकोर्ट ने नये आईटी नियमों का पालन नहीं करने पर ट्विटर को फटकार लगाई है. इसके साथ कोर्ट ने ट्विटर को दोबारा हलफनामा दाखिल करने के लिए कहा है. दिल्ली हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान नाराजगी जताते हुए ट्विटर से कहा कि नये आईटी नियमों 2021 का अभी तक पालन नहीं किया गया है. इसके साथ कोर्ट ने ट्विटर से नाराजगी जाहिर करते हुए पूछा कि अभी तक नोडल अफसर की नियुक्ति क्यों नहीं की गई है. बता दें कि दिल्ली हाईकोर्ट नये आईटी नियमों के मामलों को लेकर चल रही सुनवाई की अगली तारीख 6 अगस्त तय की है.
इसके साथ दिल्ली हाईकोर्ट ने ट्विटर से कहा कि क्या आप नोडल अफसर की नियुक्ति को लेकर गंभीर हैं. आपके के दाखिल किए गए हलफनामे से हम (कोर्ट) खुश नहीं हैं.
ट्विटर ने दायर किए हाईकोर्ट में दो हलफनामे
बहरहाल, नये आईटी नियमों 2021 के पालन के मामले में ट्विटर ने दिल्ली हाईकोर्ट में दो हलफनामा दायर किए थे. ट्विटर ने अपने हलफनामे में कहा कि चीफ कंप्लायंस अफसर और ग्रीवेंस अफसर नियुक्ति की प्रक्रिया कर ली गयी है. जबकि नोडल कांटेक्ट पर्सन की नियुक्ति अभी पूरी नहीं हुई है और इसकी प्रक्रिया जारी है. नोडल कांटेक्ट पर्सन की नियुक्ति पर अलग से हलफनामा दायर करेंगे. इसके साथ ट्विटर ने हाईकोर्ट को जानकारी दी है कि चीफ कंप्लायंस अफसर की नियुक्ति ट्विटर के कर्मचारी के रूप में नहीं हुई है वो एक कॉन्टिंजेंट वर्कर है, क्योंकि भारत में ट्विटर का दफ्तर नहीं है. इसके अलावा ट्विटर ने कहा है कि आकस्मिक कार्यकर्ता भारतीय निवासी होगा, जो किसी भी शिकायत के लिए जिम्मेदार होगा. हम इसको लेकर एक हलफनामा दाखिल करेंगे. वहीं, दिल्ली हाईकोर्ट ने ट्विटर के खिलाफ कड़े शब्दों में आदेश देते हुए बेहतर हलफनामा दाखिल करने के लिए एक सप्ताह का समय दिया है. जस्टिस रेखा पल्ली ने अपने आदेश में कहा कि ट्विटर का हलफनामा नये आईटी नियमों का गंभीर गैर-अनुपालन दिखाता है.
बहरहाल, अमेरिकी कंपनी ट्विटर भारत में नये आईटी नियमों का अनुपालन करने में कथित तौर पर नाकाम रहने को लेकर मुश्किल में है. जबकि नये आईटी नियम 50 लाख से अधिक यूजर वाले ट्विटर को तीन मुख्य अधिकारियों (चीफ कंप्लायंस अफसर, ग्रीवेंस अफसर और नोडल कांटेक्ट पर्सन) की नियुक्त करने का प्रावधान करता है. यही नहीं, ये तीनों अधिकारी भारत में रहने चाहिए, लेकिन ट्विटर ऐसा नहीं कर रहा है.