Delhi NCR Schools Closed: दिल्ली एनसीआर में कब तक बंद रहेंगे स्कूल?

parmodkumar

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नई दिल्ली-

. दिल्ली एनसीआर में पॉल्यूशन खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है. दिल्ली एक्यूआई अभी भी 400 के ऊपर दर्ज किया जा रहा है. कुछ यही हाल दिल्ली से सटे नोएडा, गुरुग्राम, गाजियाबाद आदि का भी है. इसी को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 18 नवंबर 2024 को सभी स्कूलों को बंद करने का फैसला लिया था. पिछले हफ्ते से ही दिल्ली एनसीआर के स्कूलों में फिजिकल क्लासेस के बजाय ऑनलाइन क्लासेस चल रही हैं.

सुप्रीम कोर्ट ने कल यानी 25 नवंबर 2024 (सोमवार) को ग्रैप 4 के तहत लगाए गए प्रतिबंधों पर सुनवाई की थी. इसमें ग्रैप 4 को फिलहाल लागू रखने का आदेश दिया गया है. वहीं, स्कूलों को खोलना है या बंद रखना है, इसका फैसला सीएक्यूएम (Commission for Air Quality Management) पर छोड़ दिया था. वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने दिल्ली-एनसीआर के स्कूलों और कॉलेजों को 12वीं तक की कक्षाएं ‘हाइब्रिड मोड’ में संचालित करने का निर्देश दिया है.

Hybrid Mode Classes: हाइब्रिड मोड क्या है?
कोरोना काल के बाद से हाइब्रिड मोड काफी चलन में आ गया है. अब स्कूल एजुकेशन में भी इसे लागू किया जा रहा है. ‘हाइब्रिड मोड’ सिस्टम में स्टूडेंट्स को ऑनलाइन और ऑफलाइन, दोनों मोड्स से पढ़ाई करने का ऑप्शन मिलता है. वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने कहा कि दिल्ली और अन्य राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के ज्यादातर प्राथमिक विद्यालयों में पूरी तरह से ऑनलाइन कक्षाएं संचालित करने के लिए जरूरी रिसोर्सेस की कमी है.

Schools Closed in Delhi NCR: हाइब्रिड मोड क्या है?
सीएक्यूएम ने राज्य सरकारों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि 12वीं क्लास तक की सभी कक्षाएं और अन्य शैक्षणिक संस्थान की कक्षाएं ‘हाइब्रिड मोड’ में संचालित की जाएं. यह निर्देश दिल्ली के साथ ही एनसीआर यानी गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद और गौतमबुद्ध नगर पर भी लागू होता है. अब आगे क्लासेस कैसे संचालित करनी हैं, इसका फैसला राज्य सरकार या स्कूल अपने हिसाब से ले सकते हैं. इसमें सुप्रीम कोर्ट का फिलहाल कोई दखल नहीं होगा.

Sarkari School: परेशान हैं सरकारी स्कूलों के बच्चे
दिल्ली एनसीआर के एयर पॉल्यूशन को देखते हुए स्कूल बंद किए गए थे. इससे बच्चों को खराब हवा से बचाने की कोशिश की जा रही थी. लेकिन सरकारी स्कूलों में पढ़ाई करने वाले अधिकांश बच्चे इस फैसले से परेशान हो रहे थे. कई स्टूडेंट्स मिड डे मील व्यवस्था से ही दोपहर का भोजन कर पाते थे. उनके लिए यह सुविधा बंद हो गई थी. वहीं, कई स्टूडेंट्स इंटरनेट कनेक्शन न होने की वजह से ऑनलाइन क्लास में शामिल नहीं हो पा रहे थे.