दिल्ली के पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना ने स्वतंत्रता दिवस से पहले सुरक्षा कड़ी करने एवं आतंकवाद संबंधी खुफिया सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए अपने समकक्षों के साथ अंतरराज्यीय समन्वय बैठक की अध्यक्षता की. जबकि इस बैठक में हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, झारखंड , बिहार, राजस्थान, चंडीगढ एवं जम्मू कश्मीर के शीर्ष अधिकारियों एवं दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए हिस्सा लिया. इसके अलावा मेरठ (उत्तर प्रदेश) अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक , रोहतक (हरियाणा) के अतिरिक्त महानिदेशक , नोएडा एवं गुरुग्राम के पुलिस आयुक्तों, रेवाड़ी के पुलिस महानिरीक्षक और उत्तराखंड के पुलिस उपमहानिरीक्षक ने इस बैठक में हिस्सा लिया.
दिल्ली पुलिस का ये है मकसद
दिल्ली पुलिस के प्रमुख ने किसी भी नापाक मंसूबे को नाकाम करने के लिए किरायेदारों के सत्यापन, होटलों एवं अतिथिघरों में तलाशी जैसे रोकथाम उपायों के साथ-साथ आतंकवाद निरोधक चौकसी एवं राष्ट्रीय राजधानी में हथियारों, अपराधियों एवं मादक पदार्थों के पहुंचने से रोकने के लिए सीमा पर तलाशी पर जोर दिया है.
कमिश्नर ने जारी किया अलर्ट
बता दें कि स्वतंत्रता दिवस के मौके पर देश की राजधानी में सुरक्षा को लेकर दिल्ली पुलिस कमिश्नर द्वारा विशेष अलर्ट जारी किया गया है. कमिश्नर राकेश अस्थाना ने हाल ही में पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक लेकर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने के निर्देश दिए थे. इसमें विशेष तौर पर ड्रोन पर निगरानी रखने कहा गया था. बगैर अनुमति के ड्रोन चलाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था. बावजूद इसके लाल किले के ऊपर से ड्रोन उड़ने को लेकर व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं.
राकेश अस्थाना की नियुक्ति को चुनौती देने वाली अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट दिल्ली पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना की नियुक्ति को चुनौती देने वाली अर्जी पर आज सुनवाई करेगा. चीफ जस्टिस एनवी रमना और जस्टिस सूर्यकांत की बेंच सुनवाई मामले पर सुनवाई करेगी. मामले में वकील एमएल शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है. शर्मा ने मामले में पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह और गृह मंत्रालय के अफसरों के खिलाफ अवमानना कार्यवाही की मांग की है. उन्होंने अपनी याचिका में कहा है कि सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस के खिलाफ जाकर अस्थाना की नियुक्ति की गई है, इसलिए नियुक्ति करने वालों पर कार्रवाई होनी चाहिए.