रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध का असर पुरे विश्व के साथ साथ भारत पर भी देखने को मिल रहा है। गेहूं के भाव भी इस युद्ध के कारण काफी ज्यादा बढ़ रहे हैं जिससे किसानों को काफी फायदा होने वाला है। आपको बता दें कि गेहूं के भाव में पुरे देश में तेज़ी दिखाई दे रही है। इसका सबसे बड़ा ये है कि कारण अंतर्राष्ट्रीय बाजार में गेहूं का भाव काफी ज्यादा बढ़ चुका है। इसी कारण इस साल भारत के गेहूं निर्यात में भारी उछाल देखने को मिला है। अंतर्राष्ट्रीय बजार में गेहूं की कम आपूर्ति के कारण गेहूं की कीमतों अचानक भारतीय गेहूं की मांग बढ़ गई है। इसके चलते अब वो देश भी भारत से गेहूं लेने के लिए बातचीत कर रहे हैं, जिन्होंने पहले कभी भारत से गेहूं नहीं लिया था।आपको बता दें कि मार्च 2022 तक भारत ने 7.85 मिलियन टन गेहूं का निर्यात कर दिया है जो कि पिछले वित्त वर्ष के 2.1 मिलियन निर्यात से बहुत ज्यादा है। गेहूं व्यापारियों का कहना है कि पड़ोसी बांग्लादेश सहित भारत कई देशों को गेहूं निर्यात कर रहा है। भारत ने ज्यादातर गेहूं 225 से 335 डॉलर प्रति टन के हिसाब से बेचा है। निर्यात में इसी तरह तेज़ी बनी रहनी की उम्मीद है जिससे गेहूं के भाव आने वाले दिनों में और भी बढ़ सकते हैं। व्यापारियों का कहना है कि रूस और यूक्रेन में युद्ध छिड़ने से दोनों देशों से आने वाले गेहूं की सप्लाई ठप्प पड़ गई है। इसी कारण गेहूं की कीमतों में भारी इजाफा हुआ है। अब गेहूं निर्यात को लेकर भारत गेहूं के सबसे बड़े आयातक देश मिस्र के साथ बातचीत कर रहा है। ये देश पहले रूस और यूक्रेन से गेहूं खरीदता था। लेकिन अब ये भारत से गेहूं का आयत करेगा। ज्यादातर मंडियों में गेहूं के भाव MSP से भी काफी ज्यादा बढ़ चुके हैं। कई मंडियों में तो किसानों को गेहूं का भाव 2400 से 2500 रुपए तक भी दिया जा रहा है। अभी ये भाव 3000 से भी ज्यादा बढ़ने की उम्मीद है जिससे किसानों का मुनाफा इस बार काफी बढ़िया होगा। जानकारी के अनुसार पिछले 10 महीनों में ही भारत के गेहूं निर्यात में चार गुणा बढ़ोतरी हुई है। जब तक ये युद्ध चलता रहेगा तब तक भारत को काफी नए गेहूं निर्यात करने वाले देश मिलेंगे और गेहूं की अच्छी कीमतें मिलने से किसानों का मुनाफा काफी ज्यादा बढ़ेगा।
इन देशों में बढ़ी भारत के गेहूं की मांग, दोगुना तक बढ़ेंगे गेहूं के भाव
Parmod Kumar