हरियाणा के जिले करनाल में गरीब लोगों को इस माह का राशन लेना मंहगा पड़ रहा है। राशन कार्ड धारक अगर इस महीने का राशन लेने के लिए डिपो होल्डर के पास जा रहे हैं तो पहले उन्हें 20 रुपए का तिरंगा झंडा दिया जा रहा है। उसके बाद ही उन्हें राशन मिल रहा है। ऐसे कई मामले सोमवार शाम को CM सिटी करनाल के हेमदा गांव सहित कई जगहों पर में देखने को मिले। कई जगह पर इसका विरोध भी हुआ, लेकिन उसके बाद भी कई डिपो संचालकों द्वारा बिना तिरंगा के गरीब लोगों को राशन नहीं दिया गया। वहीं इस मामले में को लेकर जब डिपो संचालकों से बातचीत की गई तो उनका कहना था कि विभाग के अधिकारियों द्वारा सख्त निर्देश दिए गए हैं कि किसी भी राशन कार्ड धारक को बिना तिरंगा लिए राशन नहीं दिया जाए। विभाग के द्वारा पहले ही एडवांस में उनसे 20 रुपए तिरंगे झंडे के हिसाब से ले लिए गए हैं। हर डिपो पर 168 के करीब तिरंगे झंडे दिए गए हैं। राशन कार्ड धारकों ने विरोध करते हुए कहा कि वह मेहनत मजदूरी करके अपने परिवार का पालन पोषण करते हैं। अब घर का राशन खत्म हो गया था तो सोमवार से राशन मिलना शुरू हुआ। किसी से पैसे उधार में उठाकर राशन लेने आए हैं। उसके बाद डिपो होल्डर कहता है कि पहले 20 रुपए तिरंगे झंडे के पैसे देने होंगे, तभी राशन मिलेगा। लोगों ने कहा कि एक तरफ तो सरकार गरीबों की हितैषी बनने का ढोंग कर रही है। वहीं सरकार व अधिकारी इस तरह से गरीब लोगों पर अत्याचार कर रहे हैं। अगर सरकार को हर घर तिरंगा लगवाना है तो गरीब लोगों को तिरंगा फ्री में देना चाहिए था। डिपो धारकों द्वारा राशन डिपो पर बिना तिरंगा झंडे खरीदे राशन नहीं मिलने का एक मैसेज रविवार को व्हाट्सएप ग्रुप पर वायरल हुआ। इसमें डिपो धारक ने लिखा है कि डिपो से जुड़े सभी राशन कार्ड धारक 20 रुपए लेकर डिपो पर झंडा लेने पहुंचे। झंडा न लेने वालों को अगस्त महीने का गेहूं नहीं दिया जाएगा। मिली जानकारी के अनुसार, जिले में करीब 400 से ज्यादा राशन डिपो हैं। सरकार द्वारा इन सभी को झंडा वितरण केंद्र बनाया गया है।सूत्रों की मानें तो खाद्य आपूर्ति विभाग की ओर से हर डिपो को 168 झंडे बांटने के लिए दिए गए हैं। उन्होंने 3200 देकर खरीदे हैं। सरकार व प्रशासन के इस फैसले का लोगों ने जमकर विरोध किया। लोगों ने कहा कि सरकार व प्रशासन के अधिकारी इस तरह से देश के तिरंगे का अपमान कर रहे हैं। गरीब लोगों पर झंडा लेने के लिए गलत तरीके से दबाव बनाया जा रहा है। लोगों ने कहा कि अगर यह तिरंगा हम बाजार से लेने जाएं तो यह हमें 5 रुपए में मिल जाता है और डिपो होल्डर व प्रशासनिक अधिकारी तिरंगे झंडे के नाम पर लोगों से मोटे पैसे वसूल रहे हैं।