पंजाब पुलिस की एसआईटी पहुंची डेरा सच्चा सौदा, चेयरपर्सन विपासना इंसां और वाइस चेयरमैन पीआर नैन से इस मामले में पूछताछ करेगी

Parmod Kumar

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पंजाब में श्री गुरुग्रंथ साहिब की बेअदबी के केस की जांच कर रही पुलिस की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) सिरसा स्थित डेरा सच्चा सौदा पहुंच गई है। यहां वह डेरे की चेयरपर्सन विपासना इंसां और सीनियर वाइस चेयरमैन डॉ. पीआर नैन से पूछताछ करेगी।

जांच के लिए पहुंचे अफसर

पंजाब पुलिस के आईजी एसपीएस परमार की अगुआई में एसएसपी मुखविंदर सिंह भुल्लर और 2 अन्य अफसरों वाली टीम यह पूछताछ करेगी। पंजाब पुलिस की टीम के साथ सिरसा के एसपी अर्पित जैन भी लोकल पुलिस को साथ लेकर गए हैं। इससे पहले इन दोनों को पूछताछ के लिए लुधियाना बुलाया था, लेकिन वह सेहत कारणों का हवाला देकर नहीं आए।

एसआईटी 3 बार उन्हें समन कर चुकी है। फरीदकोट के गांव बुर्ज जवाहर सिंह वाला में हुए बेअदबी मामले में कुछ दिन पहले एसआईटी ने रोहतक की सुनारिया जेल जाकर बाबा राम रहीम से पूछताछ की थी। राम रहीम से 114 सवाल पूछे गए थे। इनमें डेरे की कमाई, प्रॉपर्टी, नोटबंदी के दौरान पुरानी करेंसी बदलवाने समेत पूरे कामकाज के बारे में राम रहीम ने जिम्मेदारी मैनेजमेंट कमेटी पर डाली थी।

राम रहीम ने कहा था कि वह सिर्फ सत्संग करने तक सीमित है। बाकी डेरे की देखरेख से लेकर हर तरह का हिसाब मैनेजमेंट कमेटी देखती है। इसके बाद एसआईटी ने पूछताछ के लिए डेरा प्रबंधकों को बुलाया था। बुर्ज जवाहर सिंह वाला से श्री गुरु ग्रंथ साहिब की चोरी का मामला 1 जुलाई 2015 का है।

फरीदकोट जिले में बरगाड़ी से 5 किलोमीटर दूर स्थित गांव बुर्ज जवाहर सिंहवाला के गुरुद्वारे से श्री गुरुग्रंथ साहिब का पावन स्वरूप चोरी हो गया था। इसके बाद 24 सितंबर 2015 को बरगाड़ी में गुरुद्वारे के पास हाथ से लिखे दो पोस्टर लगे मिले।

आरोप है कि पंजाबी भाषा में लिखे इन पोस्टरों में अभद्र भाषा इस्तेमाल की गई और पावन स्वरूपों की चोरी में डेरा सच्चा सौदा का हाथ होने की बात भी लिखी गई। 12 अक्टूबर 2015 को बुर्ज जवाहर सिंहवाला की गलियों में पावन स्वरूप के अंग बिखरे मिले।

इसके बाद 14 अक्टूबर को फरीदकोट के गांव बहबलकलां में धरना दे रही संगत को हटाने के दौरान पुलिस द्वारा की गई फायरिंग में दो लोगों की मौत हो गई। उसी दिन कोटकपूरा में भी धरना लगाकर बैठे सिख समुदाय के लोगों पर पुलिस ने लाठीचार्ज और फायरिंग की।

साल 2015 में बेअदबी का मामला गरमा गया और 2017 के पंजाब विधानसभा के चुनाव में यह सबसे बड़ा मुद्दा बना। अब तक इस मामले की जांच सीबीआई के अलावा पंजाब पुलिस की दो एसआईटी और एक कमीशन कर चुका है, लेकिन बेअदबी करने वाले असली दोषियों के नाम सामने नहीं आ पाए हैं।

अब पंजाब सरकार की एसआईटी ने इस मामले में पहली बार पूछताछ के लिए राम रहीम का प्रोडक्शन वारंट मांगा था, लेकिन हाईकोर्ट ने उन्हें जेल में जाकर पूछताछ करने के आदेश दिए।