पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) की नियुक्ति के लिए हरियाणा सरकार की तरफ से भेजे गए पैनल को संघ लोकसेवा आयोग (यूपीएससी) ने वापस भेज दिया है। आपत्ति जताते हुए लिखा है कि राज्य सरकार को खाली पद की पूर्व-अनुमानित स्थिति में प्रस्ताव भेजना चाहिए था।
राज्य में डीजीपी का पद तो खाली ही नहीं है। यूपीएससी ने हरियाणा सरकार को भेजे पत्र में सुप्रीम कोर्ट के प्रकाश सिंह केस का भी हवाला दिया। इसके अनुसार डीजीपी शत्रुजीत कपूर अभी अवकाश पर हैं और वह कभी भी ज्वाइन कर सकते हैं।
उनको 16 अगस्त 2023 को कम से कम दो साल के कार्यकाल के लिए डीजीपी नियुक्त किया गया था। यह अवधि पूरी हो चुकी है। ऐसे में यदि राज्य सरकार चाहे तो उन्हें ट्रांसफर कर सकती है।
सरकार यह निर्णय तभी ले सकती है जब सरकार औपचारिक तौर पर फैसला ले कि कपूर को आगे डीजीपी के रूप में नहीं रखना है। पैनल लौटाए जाने के बाद अब हरियाणा सरकार पहले शत्रुजीत कपूर पर निर्णय लेगी कि उन्हें डीजीपी के पद पर रखना है या किसी अन्य विभाग में भेजना है। उसके बाद ही नया पैनल भेजा जाएगा।
आईजी वाई पूरण की आत्महत्या के बाद केवल दो माह की छुट्टी पर भेजे गए थे शत्रुजीत, ओपी सिंह कार्यवाहक
आईपीएस वाई पूरण कुमार की आत्महत्या के मामले में विवाद बढ़ने पर पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर को सरकार ने दो महीने की छुट्टी पर भेज दिया था। उनकी छुट्टियां 14 दिसंबर को खत्म हो रही हैं। उनकी अनुपस्थिति में ओपी सिंह को कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक बनाया था। ओपी सिंह का कार्यकाल 31 दिसंबर को खत्म हो रहा है। ऐसे में सरकार को नए डीजीपी को लेकर 31 दिसंबर से फैसला लेना होगा।
पैनल में भी था शत्रुजीत का नाम
हरियाणा सरकार ने आयोग को जो पैनल भेजा था, उसमें भी 1990 बैच के आईपीएस शत्रुजीत कपूर का नाम था। उनके अलावा 1991 बैच के एसके जैन, 1992 बैच के अजय सिंगल, 1993 बैच के आलोक मित्तल और अशिंदर चावला का नाम शामिल था। इस प्रस्ताव में प्रदेश सरकार ने प्रदेश पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) की नियुक्ति के लिए तीन आईपीएस अधिकारियों का पैनल तैयार करने का अनुरोध किया था।















































