कांग्रेस में नेतृत्व की जिम्मेदारी दिए जाने की खबरों का अशोक गहलोत ने खंडन किया है। बता दें कि इससे पहले खबर आई थी कि सोनिया गांधी राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत को पार्टी का अध्यक्ष बना सकती हैं। इसको लेकर गहलोत ने प्रतिक्रिया देते हुए बुधवार, 24 अगस्त को कहा कि इस खबर के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है। इसकी जानकारी उन्हें मीडिया से ही हुई है। 23 अगस्त को सोनिया गांधी और अशोक गहलोत की मुलाकात के बाद खबर आई थी कि सोनिया गांधी ने गहलोत से पार्टी का नेतृत्व संभालने के लिए कहा है। मालूम हो कि पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी,राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा मेडिकल जांच के लिए विदेश यात्रा पर जाने वाली हैं, ऐसे में माना जा रहा था कि पार्टी की कमान अशोक गहलोत को सौंपने की तैयारी है। इस तरह की रिपोर्ट को खारिज करते हुए अशोक गहलोत ने कहा कि इसकी उन्हें जानकारी नहीं है, उन्हें भी मीडिया से पता चला है। समाचार एजेंसी एएनआई से गहलोत ने कहा, “मैं इस बारे में नहीं जानता। मुझे जो काम दिए गए हैं, मैं उन कर्तव्यों को पूरा कर रहा हूं।” बता दें कि गहलोत ने सोनिया गांधी के संग अपनी मुलाकात पर ज्यादा कुछ नहीं कहा। अशोक गहलोत ने कहा, “मुझे आलाकमान ने आगामी चुनावों के लिए गुजरात में पर्यवेक्षक बनाया है। मैं राजस्थान में अपने कर्तव्यों से समझौता नहीं कर रहा हूं। मुझे यह सब बातें मीडिया के जरिए मिल रही हैं।”सोनिया गांधी के स्वास्थ्य और उनकी उम्र को लेकर पार्टी की चिंताएं सामने आ रही हैं। ऐसे में पार्टी आलाकमान अब किसी गैर-गांधी परिवार को अध्यक्ष पद सौंप सकती है। वहीं अशोक गहलोत ने कहा, “मैं बार-बार यह कहता रहा हूं कि कांग्रेस तभी फिर से सफलता की तरफ जाएगी, जब पार्टी की कमान राहुल गांधी के हाथों में होगी।” गहलोत ने कहा कि राहुल के बिना पार्टी के लोग निराश होंगे और कार्यकर्ता घर बैठे रहेंगे। ऐसे में पार्टी कमजोर हो जाएगी। ऐसे में राहुल गांधी को सभी की भावनाओं का सम्मान करते हुए पार्टी का कार्यभार संभालना चाहिए।