लगातार बारिश होने के कारण आंदोलन स्थल पर मुश्किलें बढ़ी, लेकिन किसान अपनी मांग पर अड़े रहे।

Parmod Kumar

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शनिवार सुबह हुई बारिश के बाद दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर किसानों की मुश्किलें बढ़ गईं। छोटे-छोटे पंडालों में रहने वाले किसानों के खाने-पीने की समस्याएं उत्पन्न होने लगी है, जो किसान अपने साथ राशन लेकर पहुंचे हुए थे उनके खाना बनाने और दूसरी जगहों पर पानी भर गया। आंदोलन में शामिल हरिंदर सिंह ने बताया कि बारिश ने किसानों के लिए थोड़ी मुश्किल जरूर बढ़ाई है, लेकिन हम पीछे हटने वाले नहीं हैं। हमने कड़ाके की ठंड और चिलचिलाती धूप का भी सामना किया है। अब बरसात का भी सामना कर लेंगे। उधर संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से लगातार बैठकों का दौर भी चल रहा है। शनिवार को किसान संगठनों ने बैठक कर कई रणनीति पर काम शुरू किया है। किसान नेताओं ने इस बैठक में फैसला लिया है कि वह हरियाणा में निकाली जा रही तिरंगा यात्रा का विरोध नहीं करेंगे। अगस्त के पहले हफ्ते से ही हरियाणा के कई इलाकों में हरियाणा बीजेपी की ईकाई की तरफ से तिरंगा यात्रा निकाले जाने की खबरें सामने आ रही थीं। इससे पहले किसान हरियाणा में बीजेपी और उसकी सहयोगी पार्टियों के कार्यक्रम में अपना विरोध प्रकट करते हुए अवरोध उत्पन्न करते आए हैं, लेकिन इस बैठक में किसानों ने फैसला किया है कि वह तिरंगा यात्रा के खिलाफ कोई विरोध कार्यक्रम नहीं करेंगे।

एक बार फिर सोमवार को किसान दिल्ली के जंतर मंतर पर किसान संसद को जारी रखेंगे। किसान नेताओं ने कहा कि देश के संसद में आम नागरिकों और भारतीय लोकतंत्र की सुरक्षा से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दों पर विपक्ष की वैध मांग को कई स्थगन प्रस्तावों के बावजूद नहीं माना गया। यह एक अहंकारी सरकार का अपने अलोकतांत्रिक कामकाज को जारी रखने, विपक्ष की बात न सुनने और उन्हें महत्वपूर्ण मामलों को उठाने की अनुमति न देने के लिए करोड़ों रुपये बर्बाद करने का मामला है।