भारत में एक चलन है कि नवजात शिशु को पेट दर्द होने या गैस बनने पर उसे घुट्टी पिला दी जाती है। डॉक्टर माधवी ने अपने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो शेयर कर के बताया है कि शिशु को घुट्टी पिलाने के क्या नुकसान हो सकते हैं। अगर आप भी अपने शिशु को घुट्टी दे रही हैं, तो इस आर्टिकल को जरूर पढ़ें।
शिशु के जन्म के बाद 6 महीने तक उसे सिर्फ मां का दूध ही दिया जाता है। इस दौरान शिशु को न तो पानी की जरूरत होती है और न ही उसे कोई और अन्य खाद्य पदार्थ चाहिए होता है। उसके पोषण की जरूरत मां के दूध से ही पूरी हो जाती है। हां, शिशुओं में होने वाली आम समस्याओं जैसे कि कब्ज और गैस के लिए अक्सर बच्चों को घुट्टी दी जाती है।
पीडियाट्रिशियन डॉक्टर माधवी भारद्वाज ने बच्चों को घुट्टी देने को लेकर एक वीडियो अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर पोस्ट की है। इसमें उन्होंने एक 3.5 महीने की बच्ची का केस लेकर घुट्टी के बारे में अहम जानकारी दी है। अगर आप भी अपने शिशु को घुट्टी पिलाते हैं, तो डॉक्टर की कही इस बात को जरूर समझ लें।
डॉक्टर ने बताया कि उनके पास एक 3.5 महीने की बच्ची की मां आई थी और उस बच्ची को आंतों में गंभीर संक्रमण हुआ था जिसकी वजह घुट्टी थी। डॉक्टर ने कहा कि बच्चे को घुट्टी देने पर सबसे ज्यादा खतरा इंफेक्शन होने का ही रहता है। इसे कितनी सफाई से बनाया गया है और इसमें क्या-क्या चीजें डाली गई हैं, उससे इंफेक्शन हो सकता है।
डॉक्टर ने कहा कि अगर घुट्टी के इंग्रेडिएंट्स में शहद हुआ, तो इससे बच्चे को बोटुलिज्म नाम का सक्रमण होने का खतरा रहता है। डॉक्टर और एक्सपर्ट्स शिशु को एक साल के होने तक शहद देने से मना करते हैं।
इसके आगे वीडियो में डॉक्टर ने बताया कि कई बार मांएं शिकायत करती हैं कि उनका बच्चा ब्रेस्टफीडिंग नहीं कर रहा है। इसकी वजह घुट्टी का मीठा स्वाद हो सकता है। मां का दूध न्यूट्रल टेस्ट का होता है और जब शिशु को घुट्टी का मीठा स्वाद मिलने लगता है तब वो ब्रेस्ट मिल्क को नापसंद करने लगता है। इसके अलावा इसके और भी नुकसान हो सकते हैं जिनके बारे में आगे बताया गया है।
घुट्टी के बारे में डॉक्टर ने कहा कि इनमें नींद लाने वाली दवाएं भी हो सकती हैं। अगर घुट्टी पीने के बाद बच्चा सो रहा है, तो इसका मतलब है कि यह नींद की दवा का असर है यानी घुट्टी में सिडेटिव्स हैं। यह बच्चे के मस्तिष्क और न्यूरो डेवलपमेंट के लिए ठीक नहीं है। तो चलिए अब जानते हैं कि शिशु में कोलिक पेन को ठीक करने के लिए डॉक्टर ने क्या सलाह दी है।
डॉक्टर ने कहा कि ब्रेस्ट मिल्क में कई तरह के डाइजेस्टिव एंजाइम्स और एंटीबॉडीज होते हैं जो संक्रमण को कंट्रोल करने की क्षमता रखते हैं। शिशु को पैदा होते ही जन्म घुट्टी, ग्राइप वॉटर, मिश्री का पानी और शहद आदि नहीं देना चाहिए।