हरियाणा में मौसम बदलने के कारण, कई जिलों में बारिश और ओलावृष्टि से खेतों में खड़ी फसल को नुकसान।

Parmod Kumar

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हरियाणा में रविवार को मौसम का मिजाज बदलने के साथ किसानों की मुश्किले बढ़ गई. रविवार को प्रदेश के अंबाला, यमुनानगर जिले में भारी बारिश (Rain) हुई. वहीं सिरसा फतेहाबाद नरवाना जींद कैथल, रोहतक, झज्जर, करनाल रेवाड़ी आदि जिलों में भी कहीं सामान्य तो कहीं भारी बारिश हुई. वहीं यमुनानगर ओलावृष्टि (Hailstorm) से अभी तक कटाई की बाट जो रही खेतों में पकी खड़ी धान नीचे बिछ गई. जिससे किसानों को नुकसान होने की संभावना बन गई.

प्रदेश के कई जिलों में बारिश से जहां मौसम में ठंडक बन गई. वहीं अनाज मंडियों में खुले आसमान के नीचे पड़ी हजारों क्विंटल धान भीग गई. मौसम में ठंडक बढ़ने से तापमान में गिरावट दर्ज की गई. रविवार को सुबह से ही आसमान में बादल छाए रहे. मगर शाम चार बजे के करीब आसमान में घने बादल छा गए और हवा चलने लगी. इसके कुछ देर बाद बारिश शुरू हो गई और तेज हवा के झोंके आने लगे.

वहीं प्रदेश की अनाज मंडियों में खुले में पड़ा हजारों क्विंटल धान बारिश में भीगने से किसानों को नुक्सान होने की संभावना बन गई. किसानों ने अनाज मंडियों में इंतजाम नहीं होने का आरोप लगाया. मौसम विभाग ने बताया कि मौसम में बदलाव के चलते आगामी 24 घंटों के दौरान आकाश में बादल छाये रहेंगे तथा बूंदाबांदी हो सकती है.

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मौसम हुआ ठंडा, हर दिन बढ़ेगी ठंड

रविवार को बारिश के साथ काफी देर तक ओलावृष्टि हुई. इससे खेतों में ओलों की सफेद चादर बिछ गई. धान की पकी फसल जमीन पर बिछ गई और काफी नुकसान हुआ है. वहीं, मौसम में ठंड घुल गई. न्यूनतम तापमान 15 डिग्री तक आ गया. मौसम विभाग के अनुसार अब यह हर दिन कम होगा. उधर, देर रात तक बारिश का मौसम बना हुआ था.

सरकार सर्वे कराकर मुआवजा दे

भारतीय किसान यूनियन के जिला अध्यक्ष सुभाष गुर्जर ने बताया कि भारी बरसात व ओलावृष्टि से हजारों एकड़ धान की फसल बर्बाद हो गई है. मंडियों में पड़े धान को भी नुकसान हुआ है. सरकार से मांग की है कि जल्दी सर्वे करवाकर किसानों को उचित मुआवजा दिया जाए.