4 मार्च को नहर में पानी बंद हो जाएगा। शेड्यूल के अनुसार 15 दिन 19 मार्च को पूरे होंगे जबकि भाखड़ा से नहरबंदी का शेड्यूल 20 मार्च का है। ऐसे में 19 मार्च को नहर में दो के लिए पानी आने की उम्मीद है जिससे टैंकों में एक-दो दिन का पानी भरा जा सकता है। एक दूसरी संभावना है कि नहरबंदी का लंबा शेड्यूल देखते हुए जलघरों के लिए नहरों में 15 दिन से पहले ही पानी छोड़ दिया जाए। यदि ऐसा नहीं होता है तो इस 15 दिन के पानी से 41 दिन तक काम चलाना पड़ेगा क्योंकि भाखड़ा से नहरबंदी का शेड्यूल 12 अप्रैल तक का है। ऐसा होता है कि इस बार पानी के हाहाकार मच जाएगा।
सभी जलघरों में अधिकतम 15 दिन के पानी की भंडारण की क्षमता है और नहर में पानी 24 दिन बाद आएगा। इस स्थिति में 15 दिन के पानी से 24 दिन तक काम चलाना है तो विभाग को पेयजल आपूर्ति में कटौती करनी ही पड़ेगी। जहां कॉलोनियों में अब प्रतिदिन पेयजल सप्लाई की जा रही है तो उसे एक दिन छोड़कर करना पड़ेगा। वहीं सेक्टरों में दिन में दो बार की जा रही पेयजल सप्लाई को घटाकर दिन में एक समय करना होगा।
एचएसवीपी के तोशाम रोड स्थित जलघर के पांच वाटर टैंक हैं इस जलघर से सेक्टर 9-11, 16-17, 13, पीएलए, विद्युत नगर व पीएलए एरिया में पेयजल आपूर्ति की जा रही है इन सभी क्षेत्रों में फिलहाल दिन में दो बार पेयजल आपूर्ति की जा रही है शहर के सभी सेक्टरों में पेयजल के करीब 15 हजार कनेक्शन हैं। इन्हें प्रतिदिन 41 लाख गैलन पेयजल सप्लाई किया जाता है।
शहर के महावीर कॉलोनी जलघर में 2 वाटर टैंक हैं दोनों से प्रतिदिन ढाई करोड़ लीटर पानी सप्लाई होता है इन टैंकों से संत नगर, विजय नगर, बड़वाली ढाणी, सैनियान मोहल्ला, रामपुरा मोहल्ला, डोगरान मोहल्ला, मुलतानी चौक, कमला नगर, काठमंडी, लोहामंडी, गोबिंदगढ़ बाजार, पड़ाव चौक, कृष्णा मंडी, अग्रवाल कॉलोनी, डीएन कॉलेज रोड, चंदूलाल गार्डन, जयदेव नगर, सुभाष नगर, बैंक कॉलोनी, छोटूराम कॉलोनी, दुर्गा कॉलोनी, डाबड़ा चौक, गोबिंद बाजार में पानी की सप्लाई होती है। इस जलघर से प्रतिदिन 2.5 करोड़ लीटर पानी की सप्लाई दी जाती है।
कैमरी रोड स्थित जलघर के 4, आजाद नगर में दो और स्काडा जलघर में दो वाटर टैंक हैं कैमरी रोड जलघर में 18 दिन और स्काडा जलघर में 12 दिन के पानी स्टोरज की क्षमता है आजाद नगर जलघर में 15 दिन के पानी का भंडारण किया जा सकता है। चूंकि अभी जलघर में टैंकों को भरने के लिए सिंचाई विभाग की तरफ से 10 इंच मोगा दिया हुआ है जो दोनों टैंकों को भरने के लिए नाकाफी है ऐसे में नए टैंक को पूरा भरने में समस्या आ रही है जलघर के कर्मचारियों की मानें तो नहर को पक्का किए जाने से जलघर में लगे ट्यूबवेल का पानी भी खारा हो गया है जिस कारण अब उसका पानी भी इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। कर्मचारियों की मानें तो इस बार पेयजल संकट गहराने की पूरी संभावना है।