हैफेड के बासमती बाजार में उतरने से भावों में उछाल, निर्यातकों में बेचैनी, किसानों को पहुंचेगा फायदा

lalita soni

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करनाल, तरावड़ी सहित पांच अनाज मंडियों में खरीद शुरू की गई है। हैफेड के अध्यक्ष कैलाश भगत के दिशा निर्देश पर पिछले साल भी हैफेड ने अच्छी खरीद की थी।

Haryana: HAFED starts procurement of Basmati paddy, rise in prices

हरियाणा में बासमती धान की प्राइवेट खरीद में अब हैफेड भी उतर गया है। जिसके कारण निर्यातकों में भले ही बेचैनी है, लेकिन किसानों को इसका सीधा फायदा पहुंचेगा। इससे न तो चावल कारोबारी मनमाने रेट पर खरीद सकेंगे, न ही किसानों को मंडियों में धान लेकर अधिक इंतजार करना पड़ेगा। हैफेड के मंडियों में उतरते ही इसका असर भी दिखने लगा है। जिससे बासमती (सीएसआर-30) के भाव 6000 से 6500 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गया है।

एक महीने पहले ही देशभर के निर्यातकों ने बासमती की निर्यात सीमा 1200 डालर प्रति टन को घटाए जाने को लेकर हड़ताल की थी, जिसके बाद केंद्र सरकार ने बासमती चावल की निर्यात सीमा 950 डालर प्रति टन कर दी, इसके बाद निर्यातकों में भी खासकर बासमती धान की खरीद को लेकर उत्साह बढ़ा है। इसके साथ-साथ हैफेड ने भी दूसरे साल बासमती धान खरीदने के लिए बाजार में उतरने का एलान किया तो बाजार में बासमती धान खरीद के लिए प्रतिस्पर्धा तय हो गई।
पूरे उत्साह से बासमती की होगी खरीद
हैफेड करनाल के जिला प्रबंधक उधम सिंह ने बताया कि हैफेड में जिले की करनाल, निगदू, नीलोखेड़ी, तरावड़ी व असंध अनाज मंडी में बासमती की खरीद शुरू कर दी है। जिसके तहत सीएसआर-30, 1121, 1718, पीवी-01 और 1401 किस्म का धान खरीदा जा रहा है। उन्होंने बताया कि हैफेड के अध्यक्ष कैलाश भगत के दिशा निर्देश पर पिछले साल भी हैफेड ने अच्छी खरीद की थी।
85000 मीट्रिक टन धान खरीदा गया था, जिसमें 65000 मीट्रिक टन चावल निर्यात भी किया गया था। पिछले साल भी जब हैफेड खरीद के लिए उतरी तो किसानों को 6500 रुपये प्रति क्विंटल तक का भाव मिला था। हैफेड अध्यक्ष ने इस बासमती की खरीद को और अधिक गंभीरता से लिया है, इस कारण और बेहतर खरीद करेगी। जिसके कारण किसानों को इस साल भी अच्छे भाव मिलने की प्रबल संभावना है।
जितना कंपटीशन, किसानों को उतना ही फायदा
तरावड़ी राइस मिलर्स एंड डीलर एसोसिएशन के अध्यक्ष नरेश बंसल ने बताया कि ये तो सच है कि बाजार में जितनी प्रतिस्पर्धा होगी, किसानों को उतना ही अच्छा भाव मिलेगा। इस धान की खरीद पर एमएसपी तो लागू है नहीं, इसलिए बाजार कितना भी ऊंचा जा सकता है। हालांकि बासमती धान की खरीद अधिकतर निर्यातक या स्थानीय चावल कारोबारी ही करते हैं। हैफेड भी अब बाजार में उतरा है तो बासमती धान के भाव में उछाल तो तय है। अभी शुरुआती दौर में ही बासमती सीएसआर-30 के भाव 6000 से 6500 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गए हैं। बासमती के भाव इस बार तेज रह सकते हैं, जिसका सीधा फायदा किसानों को होगा।
हैफेड के बाजार में आने से 400 रुपये तक बढ़ा भाव
नई पंचायत अनाज मंडी एसोसिएशन के उप प्रधान राज कुमार सिंगला ने बताया कि हैफेड के बाजार में उतरने के बाद पिछले दो तीन दिनों में सीएसआर-30 बासमती धान 6000 से बढ़कर 6500-6600 रुपये तक पहुंच गया है। 1509 किस्म का धान 3200 से 3500-3600 रुपये प्रति क्विंटल, 1718 किस्म का धान 4200 से बढ़ाकर 4500 और 1121 धान 4400 से बढ़ाकर 4700 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है। किसानों को बारीक धान का पिछले साल की अपेक्षा इस बार 700 से 800 रुपये प्रति क्विंटल अधिक भाव मिल रहा है।