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Kundali Border

आंदोलन के कारण करीब साढ़े सात महीने से कुंडली बॉर्डर पर जीटी रोड पूरी तरह से बंद, क्या किसान रोड की लेन एक खोलने को राजी होंगे।

Parmod Kumar

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कृषि कानून विरोधी आंदोलन के कारण बंद जीटी रोड के एक लेन को खुलवाने के लिए 21 जुलाई को होने वाले पैदल मार्च में क्षेत्र के उद्यमी भी शामिल होंगे। मार्च के संयोजक राष्ट्रवादी परिवर्तन मंच के सदस्यों ने शुक्रवार को उद्यमियों से मुलाकात की। इसके अलावा मंच ने कुंडली क्षेत्र के दुकानदारों के साथ भी बैठक कर मार्च की रणनीति पर विचार-विमर्श किया। क्षेत्र के दुकानदारों ने भी बड़ी संख्या में मार्च में शामिल होने और रोड का कम से कम एक लेन खोलने की मांग की है। आंदोलन के कारण करीब साढ़े सात महीने से कुंडली बॉर्डर पर जीटी रोड पूरी तरह से बंद है। स्थानीय लोगों व व्यापारियों को दिल्ली जाने के लिए कई किलोमीटर का लंबा चक्कर लगाकर छोटे व ग्रामीण सड़कों का सहारा लेना पड़ता है। रोड बंद होने के कारण क्षेत्र का काम-धंधा ठप हो गया है। छोटे व्यापारी और दुकानदार तबाह हो गए हैं। यही नहीं, उद्यमियों को भी भारी नुकसान हो रहा है। फैक्टियों में उत्पादन ठप है और अधिकांश फैक्टियां बंदी के कगार पर हैं। इससे क्षेत्र में बेरोजगारी भी बढ़ रही है। इसको लेकर राष्ट्रवादी परिवर्तन मंच के बैनर तले कुंडली और आसपास के ग्रामीणों ने जीटी रोड का एक लेन खोलने की मांग सरकार व प्रशासन से की है, ताकि गाजीपुर बार्डर की तरह यहां भी कम से कम यातायात चलता रहे। इसी को लेकर 21 जुलाई को राजीव गांधी एजुकेशन सिटी से सिंघु बॉर्डर पर पैदल मार्च निकाला जाएगा। मंच के सदस्यों ने दिल्ली और हरिय़ाणा के 50 गांवों के लोगों के साथ-साथ क्षेत्र के उद्यमियों से संपर्क किया। इस पर उन्होंने मार्च में शामिल होने का आश्वासन दिया है। साथ ही मंच ने कुंडली के गुप्ता मार्केट में भी दुकानदारों के साथ बैठक की। मंच के अध्यक्ष हेमंत नांदल ने कहा कि ग्रामीणों के साथ-साथ आसपास के दुकानदारों भी बड़ी संख्या में मार्च में शामिल होंगे।