इस बार कई राज्यों में मॉनसून की देरी की वजह से खरीफ सीजन में फसलों की बुवाई प्रभावित हुई. बारिश नहीं होने की वजह से खेतों की सिंचाई के लिए किसानों को मुश्किलों का सामना करना पड़ा. पंजाब जैसे राज्य में किसान बिजली की समस्या जूझते रहे और खेत में लगी धान की फसल सूखने लगी थी. किसान हमेशा ही सिंचाई के लिए परेशानी का सामना करते हैं. डीजल महंगा होने से खेती की लागत बढ़ रही है. ऐसे में किसानों की सिंचाई की समस्या को दूर करने के लिए सरकार ‘कुसुम योजना’चला रही है. इस स्कीम के जरिए किसान अपनी जमीन पर सौर ऊर्जा उपकरण और पंप लगाकर खेतों की सिंचाई कर सकता है.
‘प्रधानमंत्री-कुसुम योजना’ के तहत केंद्र सरकार पहले से ही किसानों के डीजल पंप को सोलर पंप में बदलने और नए सोलर पंप लगाने का काम कर रही है. इसके लिए सरकार किसानों को सब्सिडी भी दे रही है. सरकार अब कृषि फीडर का सौरकरण करने जा रही है. इससे बिजली खपत कम होगी और किसानों को सिंचाई के दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ेगा.
कर सकते हैं अच्छी कमाई
कुसुम योजना की मदद से किसान अपनी जमीन पर सोलर पैनल लगाकर, इससे बनने वाली बिजली से अपने खेतों की सिंचाई कर सकता है. उसे डीजल मशीन और बिजली से ट्यूबवेल चलाकर खेतों की सिंचाई करने की जरूरत नहीं पड़ेगी. इससे खेती लागत भी कम होगी. इसके अलावा वो सोलर पैनल से बनने वाली बिजली से गांव में भी बिजली की 24 घंटे आपूर्ति कर सकता है. इसके जरिए भी वो कमाई कर सकता है.
केंद्र सरकार की ‘कुसुम योजना’ किसानों के लिए फायदे का सौदा साबित हो रही है. इस स्कीम के जरिए किसान न केवल अपने खेतों में सोलर उपकरण लगाकर सिंचाई कर सकते हैं, बल्कि अतिरिक्त बिजली पैदा कर ग्रिड को भी भेज सकते हैं और अपनी आमदनी भी बढ़ा सकते हैं.
सरकार और बैंक उठाएंगे 90 फीसदी खर्च
इस योजना की खास बात यह है कि सोलर प्लांट लगवाने के के लिए किसी भी किसान को सिर्फ 10 फीसदी रकम लगानी है. बाकी 90 प्रतिशत खर्च सरकार और बैंक मिलकर उठाएंगे. कुसुम योजना के तहत किसानों को सब्सिडी पर सोलर पैनल मुहैया कराए जाते हैं. राज्य सरकारें सोलर पैनल पर 60 फीसदी सब्सिडी लाभार्थी के बैंक खाते में ट्रांसफर कर देती हैं. इसके अलावा सब्सिडी का 30 फीसदी बैंक की ओर से मिलता है.
‘कुसुम योजना’ के तीन अंग हैं. कम्पोनेंट-ए, बी और सी. कम्पोनेंट-ए में किसानों को अपनी जमीन पर अपना सोलर प्लांट लगाना होता है. वहीं कम्पोनेंट बी और सी में किसानों के घरों व उनके खेतों में पंप लगाए जाते हैं. सरकार का मुख्य उद्देश्य सौर उर्जा को खेतों के लिए इस्तेमाल करना है.