निर्यातकों ने खरीद शुरू कर दी है। 1509 के दाम अभी और बढ़ने के आसार हैं। मोटे धान में भी सुधार है। बासमती उत्पादक राज्यों के निर्यातकों से 15 अक्तूबर से बासमती सहित बारीक धान की खरीद बंद कर दी थी।
अखिल भारतीय ऑल इंडिया राइस एक्सपोर्टर एसोसिएशन की हड़ताल खत्म होने के बाद अनाज मंडियों की खरीद की स्थिति में सुधार आया है। 1509 किस्म सहित बारीक धान के भाव में 300 रुपये प्रति क्विंटल तक का उछाल आ गया है, वहीं पीआर (मोटा) धान भी एमएसपी पर बिकना शुरू हो गया है।
अखिल भारतीय चावल निर्यात एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नाथीराम गुप्ता और प्रांतीय प्रधान सुशील जैन के आह्वान पर हरियाणा-पंजाब सहित सभी सात बासमती उत्पादक राज्यों के निर्यातकों से 15 अक्तूबर से बासमती सहित बारीक धान की खरीद बंद कर दी थी, जिसे गुरुवार को केंद्रीय अधिकारियों के आश्वासन के बाद स्थगित कर दिया गया। हड़ताल खुलने के पहले दिन शुक्रवार को अनाज मंडियों में धान खरीद में तेजी देखी गई है, वहीं राइस मिलर्स व निर्यातकों ने खरीद शुरू कर दी है।
हरियाणा अनाज मंडी आढ़ती एसोसिएशन के चेयरमैन रजनीश चौधरी, करनाल मंडी एसोसिएशन के उप प्रधान राज कुमार सिंगला ने बताया कि करनाल सहित जिलेभर की अनाज मंडियों में जो 1509 आदि बारीक किस्मों का धान निर्यातकों की हड़ताल के दौरान 2700 से 2800 रुपये बिकने लगा था, वह आज 3000 से 3100 रुपये प्रति क्विंटल बिका है, इसमें अभी और तेजी आने की संभावना है। हड़ताल से पहले ये धान 3400 से 3500 रुपये प्रति क्विंटल बिक रहा था। शुक्रवार को पीआर धान की बिक्री में भी सुधार आया है, जो 200 रुपये कम पर बिक रहा था, वह धान एमएसपी पर बिका।
सीमा पर रोका जा रहा धान, लगी लाइनें
पीआर यानी मोटे धान की सरकारी खरीद हो रही है, इसी धान को पड़ोसी राज्यों से हरियाणा में लाने पर पाबंदी है, लेकिन पिछले तीन चार दिनों से देखा जा रहा है कि हरियाणा राज्य की सीमा पर करनाल पुलिस द्वारा यूपी से आने वाले 1509 व 1121 किस्म के धान को रोका जा रहा है। इससे करनाल-शामली सीमा पर शामली की ओर धान भरे ट्रैक्टर ट्रालियों की लंबी कतारें लग गई हैं। आढ़तियों ने इस पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि 1509 किस्म के धान को हरियाणा में आने से रोकना गलत है, क्योंकि इस धान की खरीद एमएसपी पर नहीं हैं, लेकिन इस पुलिस कार्रवाई का इशारा शुक्रवार को करनाल पहुंचे कृषि मंत्री जेपी दलाल के बयान में मिला, जिसमें उन्होंने कहा कि हरियाणा की अनाज मंडियां, सिर्फ हरियाणा के किसानों के लिए हैं।
भाकियू का दावा, धान खरीद में हुआ 90 करोड़ का घोटाला
भारतीय किसान यूनियन ने पिहोवा अनाज मंडी में धान की खरीद में 90 करोड़ से ज्यादा का घोटाला होने का दावा किया है। यह आरोप लगाते हुए उपायुक्त शांतनु शर्मा को शिकायत भी सौंपी है। शिकायत के साथ भाकियू ने खरीद में हुए कथित घोटाले से संबंधित कागजात भी संलग्न किए हैं। वहीं इस मामले को लेकर शुक्रवार को भाकियू चढूनी के प्रदेश प्रवक्ता प्रिंस वड़ैच ने किसान विश्राम गृह में पत्रकार वार्ता भी की।
उन्होंने आरोप लगाया कि धान खरीद के घोटाले में पोर्टल से गड़बड़ी शुरू हुई। मंडी में फसल आए बगैर ही उसका गेट पास काट दिया गया। उसके बाद जे-फार्म भी काटा गया है। इसमें मार्केट कमेटी के अधिकारियों से लेकर राइस मिलर भी संलिप्त हैं। यह गड़बड़ी उनके सामने भी आई है। हालांकि यह जांच का विषय है। जांच होने पर बड़ा घोटाला सामने आने की पूरी उम्मीद है।
आरोप लगाया कि इसमें ऐसे लोग शामिल है, जिनका खेती से कोई वास्ता नहीं है, मगर उनके नाम पोर्टल पर दर्ज हैं। साथ ही दो ऐसी फर्म है, जिसके संचालक के पास कोई दुकान और बूथ नहीं है। पोर्टल पर इन फर्म को दो या तीन किसानों ने ही अपना धान बेचा है। हैरानी की बात है कि यह किसान भी दूसरे जिले से संबंधित है और उस जिले से पिहोवा अनाज मंडी में फसल बेचने आए हैं।
आरोप लगाते हुए कहा कि चीका की एक महिला किसान की जमीन नारनौल में दिखाई गई है, जिसके पास करीब 14 एकड़ जमीन है और वह फसल पिहोवा अनाज मंडी में बेचकर गई है। इसके अलावा कलायत जिला कैथल के एक किसान ने भी यहां आकर अपना धान बेचा है। बाकायदा उनका गेट पास भी काटा गया है, जबकि नारनौल और कलायत से किसी किसान का पिहोवा आकर फसल बेचना मुनासिब नहीं है। उन्होंने विजिलेंस को भी शिकायत भेजकर जांच कराने की मांग रखी है। वहीं भाकियू को उपायुक्त से इस मामले में जांच कराने का आश्वासन दिया है। इस मौके पर जोगिंद्र काजल, कवलजीत विर्क, सुखविंद्र मुकीमपूरा, जसमेर, गौरव कुमार, गुरलाल सिंह, अजायब सिंह, गगन, नरेश,जतिंद्र सिंह अन्य मौजूद रहे।