हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने राज्य सरकार द्वारा किसानों की फसल खराब होने पर दी जाने वाली मुआवजा राशि में बढ़ोतरी के निर्णय को स्वागत योग्य कदम बताया. उन्होंने कहा कि इससे किसानों को होने वाले नुकसान की काफी हद तक क्षतिपूर्ति हो सकेगी. डिप्टी सीएम, सोमवार को चंडीगढ़ में अपने सरकारी आवास पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे थे. उन्होंने इस अवसर पर जानकारी दी कि वर्ष 2015 से पूर्व धान, गेहूं, गन्ना व कपास की फसल पूरी तरह से खराब होने पर किसानों को 4,000 रुपए प्रति एकड़ तथा सरसों, बाजरा आदि अन्य फसलों के लिए 3,500 रुपए प्रति एकड़ मुआवजा दिया जाता था.
उन्होंने बताया कि वर्ष 2015 में तत्कालीन सरकार ने इसको बढ़ाकर क्रमश: 12,000 रुपए तथा 10,000 रूपए प्रति एकड़ कर दिया था, साथ में फसलों के नुकसान की तीन कैटेगरी बनाई गई जिसमें 25 से 49 प्रतिशत, 50 से 74 प्रतिशत तथा 75 प्रतिशत से अधिक नुकसान वाली कैटेगरी शामिल हैं. दुष्यंत चौटाला ने बताया कि किसानों की मांग पर राज्य सरकार ने गौर करते हुए उक्त मुआवजा राशि को बढ़ाने का निर्णय लिया है, जिसके तहत अब धान, गेहूं, गन्ना व कपास की फसल 75 प्रतिशत से ज्यादा खराब होने पर किसानों को 15,000 रुपए प्रति एकड़ तथा अन्य फसलों के लिए 12,500 रुपए दिया जाएगा.
उपमुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार का प्रयास है कि किसानों की फसल की बिक्री मंडी में होते ही जल्द से जल्द उनके बैंक खाते में पहुंचाई जाए ताकि वह खाद-बीज की खरीददारी करके अगली फसल की समय पर बिजाई कर सके. उन्होंने बताया कि राज्य सरकार निरंतर प्रदेश की कृषि जीडीपी को बढ़ाने के लिए प्रयासरत हैं.
डिप्टी सीएम ने धान की खरीद के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि दिपावली के कारण रविवार तक धान की खरीद बंद कर दी गई थी, सोमवार से पुन: खरीद शुरू कर दी गई है और 15 नवंबर तक धान-खरीद वाले 16 जिलों में एक-एक दाना की खरीद करने का लक्ष्य है. दुष्यंत चौटाला ने जानकारी दी कि पिछले वर्ष जहां 2 नवंबर 2020 तक 50 लाख 30 हजार मीट्रिक टन धान की खरीद की गई, वहीं इस वर्ष 2 नवंबर 2021 तक 51 लाख 50 हजार मीट्रिक टन की खरीद की गई है.
उन्होंने बताया कि विभिन्न एजेंसिंयों द्वारा धान की खरीद कर किसानों के खाते में 8,900 करोड़ रूपए भेजे गए. इसके अलावा, बाजरा के लिए भावांतर के तौर पर 600 रूपए प्रति क्विंटल किसानों को दिए गए है, जो कि अब तक प्रदेश के किसानों के खाते में 394 करोड़ रूपए की भावांतर राशि भेजी जा चुकी है. उन्होंने बताया कि राज्य में पहली बार ऐसा हुआ है कि अगर किसी किसान ने दोपहर बाद 3 बजे से पहले आई-फार्म कटवा लिया है तो उसी दिन 5 बजे तक किसान के खाते में फसल की पेमेंट भी भेज दी गई.