हरियाणा में बुधवार की सुबह 06:08 बजे भूकंप के झटके लगे। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 2.6 मापी गई। भूकंप का केंद्र झज्जर से 42 किमी दूर दक्षिण-पश्चिम दिशा में जमीन से 15 किलोमीटर गहराई पर रेवाड़ी के पास रहा। राहत की बात यह रही है कि भूकंप से किसी भी प्रकार के नुकसान की खबर नहीं है। दिल्ली एनसीआर समेत आधा रोहतक खतरनाक जोन-4 में शामिल है। इस क्षेत्र से महेंद्रगढ़-देहरादून फाल्ट गुजरता है। भूवैज्ञानिकों के मुताबिक महेंद्रगढ़-दूहरादून फाल्ट जमीन के अंदर है। इसकी सतह से गहराई करीब एक किलोमीटर है। महेंद्रगढ़-देहरादून फाल्ट लाइन हरियाणा के महेंद्रगढ़ से शुरू होकर झज्जर, रोहतक, सोनीपत, पानीपत होते देहरादून में हिमालय के नीचे चली जाती है। हिमालय से जुड़े होने की वजह से फाल्ट में हलचल बनी रहती है। इस फाल्ट लाइन पर छोटे-छोटे भूकंप आते रहते हैं। भारतीय मानक ब्यूरो ने विभिन्न एजेंसियों से प्राप्त वैज्ञानिक जानकारियों के आधार पर पूरे भारत को पांच भूकंपीय जोन में बांटा है। इसमें सबसे ज्यादा खतरनाक जोन 5 है। वैज्ञानिकों के अनुसार, इस क्षेत्र में रिक्टर स्केल पर 9 तीव्रता का भूकंप आ सकता है। चंडीगढ़ और इसके आसपास के इलाके को भूवैज्ञानिकों ने जोन 4 में रखा है। इस क्षेत्र में 7.9 तीव्रता तक का भूकंप आ सकता है, जिससे व्यापक तौर पर जनहानि संभव है। कुछ साल पहले कानपुर आईआईटी के प्रोफेसर डॉ. जावेद मलिक ने अपने एक शोध पेपर में बताया था कि चंडीगढ़ सिस्मिक रिस्क जोन में आता है। चंडीगढ़ के नजदीक एक एक्टिव फाल्ट गुजर रही है, जो कई साल पहले आए भूकंप का साक्ष्य है। घग्गर नदी के दाहिने किनारे पर चंडीगढ़ के आसपास उत्तर-पश्चिमी हिमालयी तलहटी क्षेत्र में सक्रिय फॉल्ट निशान हैं। यह इस बात की भी संभावना बताते हैं कि भविष्य में उच्च तीव्रता के भूकंप की संभावना बहुत अधिक है।