कोरोनाकाल के बाद बदलाव का असर, जीएसटी से भरा सरकारी खजाना

Parmod Kumar

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माल और सेवा कर (जीएसटी) के लिए देश में किए गए सुधारों ने भारत सरकार का खजाना भरना शुरू दिया। केंद्र सरकार की रिपोर्ट बताती है कि सुधारों की वजह से इस वर्ष जीएसटी से पहले तिमाही में 37 फीसद तक बढ़ गई है। बीते वर्ष केंद्र सरकार को पहले माह की तिमाही में इस मद से आय 1.10 लाख करोड़ रुपए थी जो वर्ष 2022-23 में बढ़कर 1.51 लाख करोड़ रुपए हो गई है। कोरोनाकाल के बाद किए गए बदलावों के बाद यह असर सामने आया है। सरकार का मानना है कि केंद्र सरकार की राजस्व में हुए इजाफे की वजह सरकार द्वारा कर दाता को ब्याज, विलंब शुल्क माफ करना और रिटर्न भरने की तारीखों को आगे बढ़ाने के लिए दिए गए राहत उपाय हो सकते हैं। रिपोर्ट में केंद्र सरकार ने वर्ष 2020-21 में 1.1 लाख करोड़ रुपए और वर्ष 2021-22 में 1.59 लाख करोड़ रुपए उधार लिया था। इसके अलावा भारत सरकार ने 31 मई 2022 को राज्यों व संघ राज्य क्षेत्रों को 86,912 करोड़ रुपए जारी किए थे। मई 2022 तक की क्षतिपूर्ति जारी कर दी है। यह निर्णय उस समय लिया गया जिस समय क्षतिपूर्ति कोष में केवल 25 हजार करोड़ रुपए उपलब्ध थे। शेष 62 हजार करोड़ की राशि केंद्र सरकार द्वारा उपकर से लंबित संग्रहण के कारण अपने स्वयं के संसाधनों से जारी किया जा रहा है। मंत्रालय के मुताबिक राज्यों व संघों की बैठक में क्षतिपूर्ति और जीएसटी के तहत संसाधनों में वृद्धि के लिए केंद्र सरकार ने दो मंत्रियों का एक समूह गठित किया था। इस समूह ने जीएसटी प्रणाली में सुधार, विभिन्न करों में सुधार और छूट में छंटाई की सिफारिश की थी। यह समूह जीएसटी में सुधार के लिए लखनऊ में 45वीं बैठक गठित की गई थी। लोकसभा में दी गई एक रिपोर्ट में बताया गया है कि केंद्र व राज्य सरकार द्वारा किए गए सुधारों के बाद जीएसएटी के राजस्व में यह बढ़ोतरी दर्ज की गई है। माल और सेवा कर (जीएसटी) के लिए देश में किए गए सुधारों ने भारत सरकार का खजाना भरना शुरू दिया। केंद्र सरकार की रिपोर्ट बताती है कि सुधारों की वजह से इस वर्ष जीएसटी से पहले तिमाही में 37 फीसद तक बढ़ गई है। बीते वर्ष केंद्र सरकार को पहले माह की तिमाही में इस मद से आय 1.10 लाख करोड़ रुपए थी जो वर्ष 2022-23 में बढ़कर 1.51 लाख करोड़ रुपए हो गई है। कोरोनाकाल के बाद किए गए बदलावों के बाद यह असर सामने आया है। जीएसटी में सुधार के लिए लखनऊ में 45वीं बैठक गठित की गई थी। लोकसभा में दी गई एक रिपोर्ट में बताया गया है कि केंद्र व राज्य सरकार द्वारा किए गए सुधारों के बाद जीएसएटी के राजस्व में यह बढ़ोतरी दर्ज की गई है।