नई दिल्ली
पश्चिम बंगाल, असम, केरल, तमिलनाडु और पुडुचेरी में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान होने वाला है। चुनाव आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस शुरू हो चुकी है। मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने कहा कि बिहार के चुनाव उनके लिए लिटमस टेस्ट की तरह था। चार राज्यों में विधानसभा का मौजूदा कार्यकाल मई और जून में समाप्त हो रहा है। वहीं, पुडुचेरी में विश्वासमत पर वोटिंग से पहले मुख्यमंत्री वी. नारायणसामी के इस्तीफा देने से कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार गिर गई थी। वहां विधानसभा भंग कर राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया है।
पिछले साल बिहार में विधानसभा चुनाव के बाद, कोरोना वायरस महामारी के बीच होने वाले यह पहले बड़े चुनाव होंगे। चूंकि कोविड के मामले फिर से बढ़ रहे हैं, ऐसे में चुनाव कार्यक्रम थोड़ा विस्तृत बनाया जा सकता है। मतदान के चरणों की संख्या बढ़ाई जाने की पूरी संभावना है। किस राज्य में कब-कब चुनाव होंगे, इसका पूरा कार्यक्रम आप नीचे टेबल में देख सकते हैं।
5 राज्यों में चुनाव का पूरा कार्यक्रम
राज्य (सीटें) | कितने चरण में चुनाव | मतदान | परिणाम |
पश्चिम बंगाल (294) | |||
असम (126) | |||
तमिलनाडु (234) | |||
केरल (140) | |||
पुडुचेरी (30) |
सबसे दिलचस्प होगा पश्चिम बंगाल का मुकाबला
ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस फिलहाल पश्चिम बंगाल में सत्ता पर काबिज है। यहां बीजेपी ने पिछले चुनाव के बाद से जैसा आक्रामक रुख अपनाया है, उसे देखते हुए मुख्य मुकाबला TMC और उसके बीच ही माना जा रहा है। बीजेपी के लगभग सभी बड़े नेता यहां रैली कर रहे हैं। ओपिनियन पोल्स में भी बीजेपी ममता की पार्टी को बेहद कड़ी टक्कर देती दिख रही है।
दक्षिण में पैठ बनाना चाह रही बीजेपी
केरल में बीजेपी ने ‘मेट्रो मैन’ के नाम से मशहूर ई. श्रीधरन को अपने पाले में कर बड़ा दांव खेला है। पार्टी वहां पर कांग्रेस और लेफ्ट के मुकाबले में मजबूती से उतरने की तैयारी में है। वहीं, तमिलनाडु में भाजपा ने राज्य की सत्ताधारी ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (AIADMK) के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ने का ऐलान किया है।
पुडुचेरी में कांग्रेस की सरकार गिर जाने के बाद से हलचल तेज है। गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां एक जनसभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस पर खूब निशाना साधा था। वहीं असम में गृहमंत्री अमित शाह कई रैलियां कर चुके हैं। शाह ने गुरुवार को एक रैली में कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि उसने असम में ‘‘सत्ता की लालसा’’ में बदरुद्दीन अजमल के एआईयूडीएफ से हाथ मिलाया है।