शहर के लिए अवैध तरीके से रखी गुमटियां और हाथ ठेले नासूर बनते जा रहे हैं। हालत यह है, कि दबंग लोग गुमटियां रखवाकर नगरपालिका की जमीन पर अतिक्रमण करवा रहे हैं। राजनीतिक संरक्षण प्राप्त होने से पुलिस-प्रशासन भी कोई कार्रवाई नहीं कर पर रहा है। तत्कालीन कलेक्टर डॉ. सतीश कुमार एस ने गुमटियों को हटाने के लिए अभियान चलाया था। इसके बाद कोई अभियान नहीं चलाया गया।
नपा के अनुसार करीब 400 ठेले व गुमटीवाले 5 रुपये रोज किराया देते हैं। इनमें भी केवल 200 गुमटी संचालक ही रोज रसीद कटवाते हैं। नपा सूत्रों के अनुसार इटावा रोड, के बाहर नपा का एक भी किराएदार नहीं हैं। इसके बाद भी यहां 20 से अधिक गुमटियां रखी हुई है। इनमें अधिकतर नपा कर्मचारियों और नेताओं से जुड़े लोगों की हैं।
अवैध गुमटी लगाने का मुख्य कारण सरकारी जमीन पर कब्जा है। सत्ता से जुड़े लोग विभिन्न स्थानों पर गुमटियां लगतो हैं। ताकि भविष्य में यदि निर्धारित स्थान पर कोई दुकान बनाती है तो वह प्राथमिकता से उन्हें दी जाए। कई जगह ऐसा हो भी चुका है और पात्र वंचित रह जाते हैं।