टोयोटा की कारों में होगा एथनॉल का इस्तेमाल, कंपनी ने मिलाया शुगर कंपनियों से हाथ

Parmod Kumar

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टोयोटा किर्लोस्कर मोटर (टीकेएम) ने शुक्रवार को कहा कि उसने एथनॉल के उपयोग को बढ़ावा देने और भारत में पर्यावरण अनुकूल जैव ईंधन के तौर पर इसके बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए भारतीय चीनी मिल संघ (आईएसएमए) के साथ समझौता किया है। समझौता ज्ञापन (एमओयू) के आदान-प्रदान के माध्यम से, टीकेएम और आईएसएमए का लक्ष्य स्वदेशी वैकल्पिक स्वच्छ ईंधन के रूप में एथनॉल को अपनाने में तेजी लाना है, जिससे जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम करने के साथ-साथ कार्बन उत्सर्जन में कमी लायी जा सके।Toyota To Launch First Flex Fuel Car Will Run On Ethanol | First Flex-Fuel Car: पेट्रोल और फ्लेक्स फ्यूल में से किस कार का माइलेज बढ़िया होगा, पढ़िए 6 सवालों के जवाब

टीकेएम के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और मुख्य संचार अधिकारी सुदीप एस दलवी ने एक बयान में कहा, ‘‘कंपनी हरित प्रौद्योगिकियों के साथ-साथ ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने वाले विभिन्न उन्नत इंजनों का लगातार अध्ययन कर रही है। इस्मा के अध्यक्ष आदित्य झुनझुनवाला ने कहा कि एथनॉल भारत के ऊर्जा मिश्रण का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, और इस संयुक्त प्रयास से, दोनों संस्थाएं ऊर्जा में आत्मनिर्भरता हासिल करने के बड़े लक्ष्य में बेहतर योगदान देने के लिए आशान्वित हैं।

सरकार जैव ईंधन के रूप में एथनॉल के उपयोग को सक्रिय रूप से बढ़ावा दे रही है और वर्ष 2025 तक पेट्रोल में 20 प्रतिशत एथनॉल मिश्रण प्राप्त करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है। वित्तवर्ष 2025-26 तक, यह उम्मीद की जाती है कि 8.6 करोड़ बैरल पेट्रोल का स्थान 20 प्रतिशत एथनॉल लेगा, जिससे भारत को विदेशी मुद्रा में 30,000 करोड़ रुपये की बचत होगी और कार्बन उत्सर्जन में एक करोड़ टन की कमी आएगी।