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प्रतिबंध के बाद भी फूंके जा रहे धान की फसल के अवशेष

lalita soni

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रोक के बाद भी किसान फसलों के अवशेष जलाने से बाज नहीं आ रहे हैं। अकसर यह काम किसान रात के बजाय दिन में कर रहे हैं। पिछले एक हफ्ते से फसलों के अवशेष जलने की घटनाएं काफी बढ़ी हैं।

कृषि विभाग के अधिकारी पहले के मुकाबले इस बार फसल अवशेष जलने की घटनाओं में काफी कमी आने की बात कह रहे हैं। उनका कहना है कि सरकार द्वारा चलाए जा रहे जागरूकता अभियान का किसानों पर असर हो रहा है।

जानकारी के अनुसार बीकेडी, यूकेडी, जगाधरी-पांवटा, जगाधरी -पाबनी, जगाधरी-बिलासपुर, जगाधरी-अंबाला, पुराना सहारनपुर रोड आदि से लगते इलाकों में किसान धान की फसल के अवशेष जला रहे हैं। कार्रवाई से बचने के लिए ज्यादातर किसान फसल अवशेष फूंकने के साथ इस खेत को जोत देते हैं। जानकारी के अनुसार अब तक फसल अवशेष जलाने के सबसे कम केस जगाधरी में मिले हैं। वहीं सबसे ज्यादा केस सरस्वती नगर खंड में पाए गए हैं। इसी प्रकार साढौरा खंड में 10, रादौर में 8, छछरौली में 6 तो बिलासपुर खंड क्षेत्र में फसल अवशेष जलाने के 11 केस हरसक द्वारा ट्रेस किए गए हैं।

निगरानी की जा रही है : अधिकारी

कृषि विभाग के उप निदेशक डा. आत्मा राम का कहना है कि प्रशासन द्वारा गठित टीमें पूरी निगरानी बरत रही हैं। इस सीजन में अब तक हरसक ने जिले में 51 केस ट्रेस किए हैं। डा. आत्मा राम ने बताया कि इनमें से 26 केसों में जुर्माना हो चुका है। 24 केस फाल्स मिले हैं तथा एक में कार्रवाई चल रही है। डा. आत्मा राम का कहना है कि सरकार द्वारा चलाये जा रहे जागरूकता अभियान का किसानों पर असर दिख रहा है।