भारत में हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है, क्योंकि इसी दिन से भारत में संविधान लागू हुआ था. बरसों तक अंग्रेजों की गुलामी सहने के बाद भारत को 15 अगस्त 1947 में आजादी मिली थी और इसके करीब तीन साल बाद देश में संविधान लागू किया गया. संविधान की मसौदा समिति की अध्यक्षता डॉ भीम राव अंबेडकर ने की थी. देश हर साल 26 नवंबर को संविधान दिवस भी मनाता है, क्योंकि इस दिन यानी 26 नवंबर 1949 को भारत की संविधान सभा ने भारत के संविधान को अपनाया था.
देश में गणतंत्र दिवस सम्मान और धूमधाम से मनाया जाता है. देश भर में कई कार्यक्रम होते हैं. इस दिन का सबसे आकर्षक समारोह दिल्ली के राजपथ पर होने वाली भव्य परेड होती है जो इंडिया गेट तक जाती है. देश के राष्ट्रपति राजपथ पर झंडा फहराते हैं. इस साल परेड में 16 सैन्य दलों, 17 मिलिट्री बैंड शामिल होंगे. इनके अलावा राज्यों, विभागों और सैन्य बलों की झांकियां भी होंगी.
गणतंत्र दिवस का महत्व
गणतंत्र दिवस (Republic Day Significance) के लिए 26 जनवरी का बड़ा महत्व है. इसी दिन 1930 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने पूर्ण स्वराज की घोषणा की थी और यह दिन भारत की जनता को लोकतांत्रिक ढंग से सरकार चुनने की ताकत की याद भी दिलाता है. देश में यह राष्ट्रीय पर्व हर्ष उल्लास के साथ मनाया जाता है और इस दिन राष्ट्रीय अवकाश होता है.
इतिहास में दर्ज हो गए हैं महत्वपूर्ण दिन
26 जनवरी 1950 को देश में पहला गणतंत्र (Republic Day History) मनाया गया और इसी दिन से भारतीय संविधान लागू हुआ था. इससे पहले जिस संविधान सभा ने भारत के संविधान का मसौदा तैयार किया, उसने अपना पहला सत्र 9 दिसंबर 1946 को आयोजित किया था. इसका अंतिम सत्र 26 नवंबर 1949 को हुआ और इसके बाद संविधान को अपनाया गया. जबकि भारत को आजादी 15 अगस्त 1947 को मिल चुकी थी.