भारतीय किसान यूनियन के नेता गुरनाम सिंह चढूनी आज यानी शनिवार को चंडीगढ़ में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे हैं. माना जा रहा है कि वो मिशन पंजाब के तहत अपनी नई पार्टी और ऱणनीति का ऐलान कर सकते हैं. चढूनी पहले ही मिशन पंजाब के तहत किसानों को चुनाव लड़वाने की घोषणा कर चुके हैं.
लेकिन पंजाब के किसान उनके इस फैसले से एकमत नहीं थे. चढूनी अपने मिशन पंजाब के तहत फतेहगढ़ साहिब में दौरे के दौरान एक उम्मीदवार की घोषणा भी कर चुके हैं. हालांकि संयुक्त किसान मोर्चा उनके पंजाब में चुनाव लड़ने के निर्णय से सहमत नहीं था, लेकिन चढूनी अपने निर्णय पर अडिग रहे.
पंजाब में लड़वाएंगे चुनाव
पंजाब में चुनाव लड़ने की घोषणा के तहत गुरनाम सिंह यह भी कह चुके हैं कि हरियाणा छोड़कर पंजाब नहीं भागेंगे. वो मिशन पंजाब के तहत पंजाब में चुनाव नहीं लडेंगे, बल्कि चुनाव लड़वाएंगे. हरियाणा से संबंध होने के सवा पर वह कह चुके हैं कि ने पैराशूट नहीं होंगे. उनका पुश्तैनी गांव पंजाब में है.
संयुक्त किसान मोर्चा पंजाब में चुनाव लड़ने के उनके निर्णय से सहमत नहीं था. इसी के चलते चढूनी दूसरे किसान नेताओं पर समय-समय पर तंज भी कसते रहे हैं. चढूनी का कहना है कि किसान अपनी खुद की सरकार क्यों नहीं बना सकता.
स्वर्ण मंदिर में हुआ किसान नेताओं का स्वागत
वहीं सोमवार को किसान संघ के नेताओं के नेतृत्व में बड़ी संख्या में किसान अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में मत्था टेकने आए और इस दौरान रास्ते में विभिन्न स्थानों पर उनका जोरदार स्वागत किया गया. किसान नेताओं के स्वर्ण मंदिर के मुख्य द्वार पर पहुंचने पर विभिन्न राजनीतिक संगठनों और एनजीओ ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया और गुलाब की पंखुड़ियों की वर्षा की.
स्वर्ण मंदिर पहुंचने पर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं को सम्मानित किया. संयुक्त किसान मोर्चा 40 किसान संगठनों का समूहिक मंच है जिसने किसान आंदोलन का नेतृत्व किया. किसान नेताओं को एसजीपीसी के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने सम्मानित किया. इससे पहले धामी ने स्वर्ण मंदिर के बाहर चौक पर बलबीर सिंह राजेवाल और राकेश टिकैत सहित किसान नेताओं का स्वागत किया. इस मौके पर जिन अन्य किसान नेताओं को सम्मानित किया गया उनमें गुरनाम सिंह चढूनी, दर्शन पाल, यदुवीर सिंह, कुलवंत सिंह संधू, परगट सिंह, बूटा सिंह बुर्जगिल, रुलदु सिंह मनसा और हरमीत सिंह कादियां शामिल थे.