किसान नेता राकेश टिकैत के तेवर नहीं पड़े नरम, केंद्र की मंशा और नीतियों पर उठाये सवाल, बोले एमएसपी का मुद्दा अभी भी है बरकरार

Parmod Kumar

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केंद्र के तीन कृषि कानूनों की वापसी के बाद भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत अब भी केंद्र सरकार की मंशा और नीतियों पर सवाल उठा रहे हैं. मुजफ्फरनगर में टिकैत ने गुरुवार को कहा कि कृषि फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य का बड़ा मुद्दा अब भी बरकरार है.

बीकेयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने दिल्ली की सीमा पर गाजीपुर में 383 दिनों के विरोध प्रदर्शन के बाद घर लौटने पर केंद्र सरकार पर अपना हमला जारी रखा. दिल्ली की सीमाओं और देश के कुछ अन्य हिस्सों में किसानों द्वारा लगातार विरोध के बाद तीन विवादित कृषि कानून वापस ले लिये गए. गुरुवार देर रात सर्व-खाप के मुख्यालय सोरम गांव में एक सभा को संबोधित करते हुए टिकैत ने कहा, ‘‘देश में एमएसपी का बड़ा मुद्दा अब भी बना हुआ है. अगर एमएसपी की मांग मान ली जाती है तो बड़ी राहत होगी.’’

आप खेतों में कर रहे मेहनत, सरकार की तरफ से है कमी

उन्होंने कहा, ‘‘फसल या खेत के साथ कोई दिक्कत नहीं है. आप (किसान) फसल उगाने के लिए खेतों में कठिन मेहनत करते हो, आप की तरफ से कोई कमी नहीं है. सरकार की तरफ से कमी है. इस देश के किसान और युवा इस बात को अब समझ चुके हैं.’’ इसके साथ बीकेयू नेता ने बैंकों के निजीकरण के मुद्दे पर बैंकिंग पेशेवरों द्वारा दो दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल को समर्थन देने की सोशल मीडिया पर घोषणा की.

इससे पहले बुधवार को मेरठ में टिकैत ने कहा कि वो कोई नहीं लड़ने जा रहे हैं और उन्होंने राजनीतिक दलों से अपने पोस्टरों में उनके नाम या फोटो का इस्तेमाल नहीं करने का आग्रह किया. दिल्ली से लौटने पर टिकैत का मेरठ में किसानों ने जोरदार स्वागत भी किया था. टिकैत ने कहा कि मैं कोई चुनाव नहीं लड़ने जा रहा हूं और किसी भी राजनीतिक दल को अपने पोस्टर में मेरे नाम या फोटो का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए.