किसान नेता सरदार वीएम सिंह ने कहा कि मोदी और योगी चाहते ही नहीं कि किसान आंदोलन खत्म हो।

Parmod Kumar

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गाजीपुर बार्डर में कृषि आंदोलन चलाने वालों को यदि किसान परिवारों की इतनी चिंता है तो वह सबसे पहले एकत्रित चंदे को मृत किसानों के आश्रित परिवारों को देकर उनकी सहायता करें। मैं जब तक गाजीपुर बार्डर पर रहा, तब तक यह काम नहीं हुआ। मेरे वहां से हटते ही चंदा एकत्र करने का काम शुरू हो गया। गाजीपुर बार्डर का आंदोलन सरकार के अंदरूनी समर्थन से चल रहा है। मोदी व योगी नहीं चाहते कि यह आंदोलन खत्म हो जाए। यह कृषि कानून गन्ना किसानों के लिए नहीं है। इनसे गन्ना किसानों पर कोई फर्क नहीं पड़ने वाला। गन्ना कृषि नहीं, बल्कि खाद्यान्न के अंतर्गत आता है।यह बातें बुधवार को मेरठ पहुंचे उप्र किसान मजदूर मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व किसान नेता सरदार वीएम सिंह ने बाउंड्री रोड स्थित एक रिजोर्ट में किसानों को संबोधन में कही। वीएम सिंह ने गणतंत्र दिवस पर लालकिले की घटना को लेकर कहा कि हमने किसानों के लिए हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट तक लड़ाई लड़ी। लालकिले पर राष्ट्रीय ध्वज का अपमान हुआ तो सहन नहीं हो सका। इसलिए कृषि आंदोलन से अपने आप को अलग किया। कार्यक्रम के दौरान कुलदीप त्यागी, मेजर रि. हिमांशु, रोहित जाखड़, बलराज भाटी, कर्नल मुल्तानी आदि मंचासीन रहे। संचालन भानु प्रताप सिंह ने किया। आयोजन में नितिन बालियान, भानु प्रताप व कन्हैया कुमार का योगदान रहा। जीतू नागपाल ने भी विचार व्यक्त किया। वोट की चोट से लेंगे ब्याज सहित गन्ना बकाया

वीएम सिंह ने किसानों से आह्वान किया कि लखनऊ में 15 जुलाई को गन्ना आयुक्त कार्यालय के बाहर बड़ी संख्या में गन्ना किसान धरना देकर अपने भुगतान, ब्याज और 450 रुपये प्रति कुंतल न्यूनतम मूल्य की मांग रखेंगे। योगी व मोदी सरकार ने 14 दिनों में गन्ना भुगतान करने का वादा कर वोट ली थी।

दूध से महंगी हो गई पानी की बोतल

वीएम सिंह ने एमएसपी को किसानों के लिए आवश्यक कानून बताया। उन्होंने कहा कि किसान को सभी फसलों का उचित दाम मिले, यह एमएसपी से ही संभव हो सकता है। उन्होंने कहा कि पानी की बोतल के दाम दूध की बोतल से अधिक हो गए हैं। उप्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि योगी सरकार गन्ना भुगतान के पिछले आंकड़े दिखाकर वाहवाही लूट रही है। हाल यह है कि उचित दाम न मिलने के कारण आज किसानों के बच्चे खेती नहीं करना चाहते। सरकार को एमएसपी पर कानून बनाकर लागू करना चाहिए।