वैज्ञानिक-हितधारक संवाद के दौरान कुछ किसानों ने अपनी बात रखते हुए कहा कि गन्ने की कुछ किस्में ऐसी हैं जो किसी भी संस्थान से अधिकृत नहीं हैं मगर किसान उन किस्मों को लगा रहे हैं। इनमें सीओ-15025 व सीओ-15027 किस्म शामिल है। ये किस्में कोयंबटूर संस्थान में ईजाद तो हुई मगर इसे अधिकृत नहीं किया गया। कई किसानों ने इन किस्मों के बीज तक बनाने शुरू कर दिए।
शिकायत अन्य किसानों ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) व हरियाणा सरकार से भी की। इस पर गन्ना प्रजनन संस्थान कोयंबटूर के पूर्व निदेशक पद्मश्री डॉ. बख्शीराम ने बताया कि इन किस्मों को संस्थान ने ईजाद तो किया मगर अभी दोनों किस्मों का जब टेस्ट किया गया तो उनमें कुछ बीमारियों के लक्षण पाए गए। इसके अलावा भी इन किस्मों में कुछ कमियां थी। ये दोनों किस्मों किसानों के हित में नहीं थी|
इसी तरह बीएसआई 8005, महाराष्ट्र की 10001, सीओ-11015, सीओ-86032, सीओ-219 आदि किस्में भी सभी क्षेत्रों के लिए अधिकृत नहीं हैं मगर गन्ने की ये किस्में खेतों में लहलहा रही हैं। इसे लेकर ज्ञानिक भी हैरान है। वैज्ञानिकों ने बताया कि कई बार सरकार भी प्रगतिशील किसानों को विभिन्न संस्थानों में टूर पर भेजती है।