प्रदेश सरकार के नोटिफिकेशन में खंड के 18 गांवों के किसानों को 10 बीएचपी से अधिक लोड बढ़वाने से वंचित करने पर किसानों का गुस्सा फूट पड़ा। किसानों ने बसपा नेता ठाकुर अतर लाल के नेतृत्व में 132 केवी पावर ग्रिड सब स्टेशन पहुंचकर एसडीओ कार्यालय पर नारेबाजी की और ताला लगाकर वहां धरना दिया। ताला लगाने से बिजली कर्मचारी निगम कार्यालय में बंद हो गए। सूचना मिलने पर पुलिस का ईआरवी वाहन मौके पर पंहुचा और एक घंटे बाद उन्होंने निगम के कनिष्ठ अभियंता को बिजली मंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। पुलिस अधिकारियों के समझाने पर किसानों ने ताला खोला। इसके बाद कार्यालय का काम सुचारू हो पाया।
इससे पहले किसानों ने एसडीएम कार्यालय में ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन सौंपने आये किसान कैलाश, दर्शन, योगेश, राहुल, पवन कुमार, मदन लाल, हरिराम, महेंद्र सिंह, रजनीश, सतीश कुमार, दानसिंह, सतपाल, रामकिशन, सतबीर, लीलूराम, पूर्णदेव, मनोज कुमार, मीर सिंह और बाबूलाल ने कहा कि सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक महेंद्रगढ़ जिले के 40 से 110 मीटर भूजलस्तर वाले 257 गांवों के किसानों को ट्यूबवैल चलाने के लिए बिजली का लोड अपग्रेड करवाने की सुविधा दी गई है, जबकि 117 गांवों के किसानों को इस योजना से वंचित किया गया है।
दिलचस्प बात है कि इन गांवों में भी भूजल स्तर 40 मीटर से नीचे है। कनीना खंड के 18 गांव पोता, सेहलंग, स्याणा, नोताना, धनौंदा, गाहड़ा, बागोत, सिहोर, कनीना, खेड़ी तलवाना, अगिहार, केमला, पाथेड़ा, झाड़ली, उच्चत, छितरोली, उन्हाणी के किसानों को ट्यूबवैल चलाने के लिए बिजली का लोड बढ़वाने से वंचित कर दिया गया है। जिससे उनमें रोष है। किसानों ने सरकार से लोड बढ़वाने की सुविधा प्रदान करने की मांग की है।