हरियाणा के किसान धर्मबीर कंबोज फूड प्रोसेसिंग मशीन का निर्माण करते हैं. हालांकि उनके पास इंजीनियरिग और मैनेजमेंट की डिग्री भी नहीं है. बावजूद इसके उनकी मशीनें इतनी अच्छी होती हैं कि विदेशों से ऑर्डर आते हैं. अभी तक उन्होंने 15 देशों में इन मशीनों का निर्यात किया है. फूड प्रोसेसिंग मशीन का निर्माण कर वे खुद की कमाई ही नहीं बढ़ा रहे हैं बल्कि किसानों के भी मददगार बन रहे हैं. साथ ही उन्होंने अभी तक 8000 लोगों को रोजगार भी दिया है.
फाइनेंशियल एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, धर्मबीर कंबोज शुरू से ही प्रयोगधर्मी रहे लेकिन फूड प्रोसेसिंग मशीन निर्माण का आइडिया उन्हें एक रेल यात्रा के दौरान आया. दरअसल, तब कंबोज अजमेर जा रहे थे. उनके अलग-बगल किसान बैठे थे. इसी दौरान बातचीत में उन्हें आंवला की प्रोसेसिंग और गुलाब से गुलाब जल निकालने की परेशानियों के बारे में पता चला. तभी कंबोज ने कृषि कार्यों के लिए प्रोसेसिंग मशीन बनाने की ठानी.
कंपनी का टर्नओवर 1 करोड़ रुपए
कंबोज बताते हैं कि मैंने फूड प्रोसेसिंग मशीन तो बना दी, लेकिन शुरुआत में इसकी क्वालिटी ठीक नहीं थी. हालांकि तब भी बाजार में इस तरह की मशीनें नहीं थीं. 2012 में कंबोज ने नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन की मदद से मशीन में सुधार किया और आज यह मशीन एक घंटे में 200 लीटर जूस निकालती है. हालांकि यह इतना आसान भी नहीं था. 10 वीं तक पढ़ाई करने वाले कंबोज को इस मशीन का प्रोटेटाइप बनाने में 8 महीने का वक्त लगा था.
शुरुआती सफलता से उत्साहित कंबोज ने 2017 में अपनी कंपनी धर्मबीर फूड प्रोसेसिंग प्राइवेट लिमिटेड की स्थापना की. आज उनके पूरे देश में क्लाइंट हैं. साथ ही साथ वे 15 देशों को अपनी मशीनों का निर्यात भी करते हैं. वर्तमान में उनकी कंपनी हर महीने 15 से 20 मशीनों का निर्माण करती है. कंबोज ने बताया कि बीते वर्ष हमारा टर्नओवर एक करोड़ पहुंच गया. हमारी कोशिश ऐसी मशीनें बनाने की है, जिससे किसानों का समय बचे और मेहनत भी काफी कम लगे.
100 देशों में निर्यात का इरादा रखती है कंपनी
भविष्य की योजनाओं के बारे में बात करते हुए वे कहते हैं कि कंपनी 5 वर्षों में अपनी फूड प्रोसेसिंग मशीन को लगभग 100 देशों में निर्यात करने का इरादा रखती है. इस वित्तीय वर्ष में कारोबार को 2 करोड़ रुपए और वित्त वर्ष 27 तक लगभग 10 करोड़ रुपए तक बढ़ाने का लक्ष्य है. कंबोज अब तक करीब 900 मशीनें बेच चुके हैं, जिससे करीब 8,000 लोगों को रोजगार मिला है.