खरीफ फसलों की कटाई के बाद रबी फसलों की बुआई के लिए किसानों कम समय मिलता है, जिसके चलते उन्हें खरीफ फसलों के शेष अवशेष को जलाना पड़ता है। जिससे पर्यावरण प्रदूषण के साथ-साथ मिट्टी की सेहत भी खराब होती है। ऐसे में किसानों के लिए हैप्पी सीडर कृषि यंत्र वरदान साबित हो सकता है। हैप्पी सीडर जो कि फसल अवशेष प्रबंधन कर सीधी बोनी का नया यंत्र है जिसके माध्यम से धान फसल की कटाई के बाद खेत में बिना जुताई किये रबी फसल की बोनी की जा सकती है।
हैप्पी सीडर फसल अवशेष प्रबंधन कर फसल बोनी का उन्नत यंत्र है जिसके माध्यम से बिना जुताई किये एवं खेत की तैयारी किये बिना सीधी बोनी की जा सकती है। यह यंत्र फसल अवशेषों को आच्छादन के रूप में खेत में बिछा देता है तथा फसल की बोनी कर देता है। हैप्पी सीडर कृषि यंत्र के महत्व को देखते हुए सरकार द्वारा किसानों को इस कृषि यंत्र पर सब्सिडी भी उपलब्ध कराई जाती है।
खरीफ फसलों की कटाई के बाद रबी फसलों की बुआई के लिए किसानों कम समय मिलता है, जिसके चलते उन्हें खरीफ फसलों के शेष अवशेष को जलाना पड़ता है। जिससे पर्यावरण प्रदूषण के साथ-साथ मिट्टी की सेहत भी खराब होती है। ऐसे में किसानों के लिए हैप्पी सीडर कृषि यंत्र वरदान साबित हो सकता है। हैप्पी सीडर जो कि फसल अवशेष प्रबंधन कर सीधी बोनी का नया यंत्र है जिसके माध्यम से धान फसल की कटाई के बाद खेत में बिना जुताई किये रबी फसल की बोनी की जा सकती है।
हैप्पी सीडर फसल अवशेष प्रबंधन कर फसल बोनी का उन्नत यंत्र है जिसके माध्यम से बिना जुताई किये एवं खेत की तैयारी किये बिना सीधी बोनी की जा सकती है। यह यंत्र फसल अवशेषों को आच्छादन के रूप में खेत में बिछा देता है तथा फसल की बोनी कर देता है। हैप्पी सीडर कृषि यंत्र के महत्व को देखते हुए सरकार द्वारा किसानों को इस कृषि यंत्र पर सब्सिडी भी उपलब्ध कराई जाती है।
हैप्पी सीडर से बुआई करने पर मिलते हैं यह लाभ
सिवनी जिले के किसान कल्याण एवं कृषि विकास विभाग के उपसंचालक मौरिस नाथ ने जानकारी देते हुए बताया कि हैप्पी सीडर से खेत की बिना जुताई किये सीधे बोनी हो जाती है, खेत की तैयारी में लगने वाली अतिरिक्त लागत नही लगती है। यह यंत्र फसल अवशेषों को आच्छादन के रूप में बिछा देता है, जिससे खेत की नमी बनी रहती है तथा आगामी बोई गई फसल की सिंचाई में कमी आती है। फसल अवशेष आगामी समय में डीकम्पोज होकर खाद के रूप में काम करते है एवं यंत्र लागत तथा समय दोनो बचाता है जिससे शुद्ध आय में वृद्धि होती है।
हैप्पी सीडर में बीज एवं उर्वरक हेतु पृथक-पृथक बॉक्स बने होते है, जिससे पहले उर्वरक जमीन पर गिरता है। उसके बाद बीज की बोनी होती है। यह यंत्र जीरो टीलेज तकनीक के माध्यम से बोनी करता है एवं फसल अवशेषों को आच्छादन के रूप में बिछा देता है। बोनी की शुरुआती अवस्था में खेत में उपयुक्त नमी होने पर पर्याप्त अंकुरण होता है तथा फसल अवशेषों का प्रबंधन होकर मृदा की स्थिति में सुधार होता है।
हैप्पी सीडर पर सरकार देती है अनुदान
अधिक से अधिक किसान इस कृषि यंत्र को खरीद कर इसका उपयोग कर सकें इसके लिए सरकार द्वारा हैप्पी सीडर कृषि यंत्र पर सब्सिडी भी उपलब्ध काराई जाती है। कृषि विभाग उपसंचालक, सिवनी ने जानकारी देते हुए बताया की हैप्पी सीडर अनुदान पर खरीदने के लिए किसान भाई ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से आवेदन कर सकते है। यंत्र की कीमत लगभग 1 लाख 90 हजार रुपये से 2 लाख रूपये तक है। जिसमें किसानों को लगभग 75 हजार से 80 हजार रुपये तक का अनुदान मिलता है।