ग्रीन हाउस में फसल उपजाने में किसानों ने दिखाई गजब की दिलचस्पी, रकबा हुआ 3800 एकड़

lalita soni

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ग्रीन हाउस में किसानों ने गजब की दिलचस्पी दिखाई है। रकबा 3800 एकड़ हो गया है। हरियाणा ने ग्रीन हाउस को प्रोत्साहन देने पर अब तक 500 करोड़ खर्च किए हैं। ग्रीन हाउस का रकबा 18 साल पहले महज ढाई एकड़ था।

Farmers showed great interest in growing crops in green house, area increased to 3800 acres

परंपरागत खेती में मौसम की मार झेलने के बाद हरियाणा के लघु और सीमांत किसानों ने अब आधुनिक और सुरक्षित खेती की ओर कदम बढ़ा दिए हैं। हरियाणा में बीते एक दशक में ग्रीन हाउस का दायरा तेजी से बढ़ा है। प्रदेश में ग्रीन हाउस का रकबा 2005-06 में महज 2.50 एकड़ था, जो अब बढ़कर 3829 एकड़ हो गया है।किसानों की दिलचस्पी बढ़ने से विगत वित्तीय वर्ष में 506 एकड़ ग्रीन हाउस का दायरा बढ़ा है, जो अब तक का रिकॉर्ड है। इसके प्रोत्साहन पर प्रदेश सरकार ने अब तक 500 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। चालू वित्तीय वर्ष में 305 एकड़ में ग्रीन हाउस बनाने का लक्ष्य है।

हरियाणा के बागवानी विभाग से मिले आंकड़ों के मुताबिक मिशन फॉर इंटीग्रेटेड डेवलपमेंट ऑफ हॉर्टिकल्चर (एमआईडीएच) के तहत 2005-06 में प्रदेश के 19 जिलों को शामिल किया गया था, लेकिन अब इंटीग्रेटेड हॉर्टिकल्चर डेवलपमेंट एंड शेड्यूल कास्ट सब प्लान (एससीएसपी) के तहत शेष तीन जिलों को भी इस मिशन के तहत शामिल कर लिया गया है।
ग्रीन हाउस के निर्माण पर प्रदेश सरकार से 50 प्रतिशत से 85 प्रतिशत तक अनुदान राशि मिलने पर किसान प्रोत्साहित हुए हैं। प्रगतिशील किसान कम क्षेत्रफल में अब सालभर गुणवत्तायुक्त सब्जियां और फूल उगा रहे हैं। घरेलू जरूरतों को पूरा करने के बाद खीरा, सिंगला मिर्च समेत अन्य उपज दिल्ली समेत अन्य राज्यों में भी भेजने लगे हैं।

आंधी और आग से होता है ग्रीन हाउस को नुकसान
बहबलपुर के किसान बंसीलाल बताते हैं कि आंधी-तूफान और आग से ग्रीन हाउस को सबसे अधिक नुकसान पहुंचता है। कई बार बीज जनित बीमारियों के प्रकोप से भी किसानों को चुनौती मिलती है। फिर भी ग्रीन हाउस में उपज लेना फायदेमंद है। हालांकि हिसार जैसे क्षेत्र में पॉलीहाउस के बदले नेट हाउस ज्यादा कारगर है। सरकार ने अब ग्रीन हाउस की मरम्मत के लिए 70 प्रतिशत तक अनुदान देना शुरू कर दिया है। हालांकि राजस्थान सरकार ग्रीन हाउस के निर्माण पर 95 प्रतिशत तक अनुदान दे रही है।

कांग्रेस की तुलना में तीन गुना बढ़ाया ग्रीन हाउस का दायरा
कांग्रेस सरकार ने वर्ष 2005-06 से लेकर वर्ष 2013-14 तक ग्रीन हाउस का रकबा 929 एकड़ बढ़ा था। वहीं भाजपा के साथ जजपा गठबंधन सरकार ने 2014-15 से लेकर 2022-23 ग्रीनहाउस का दायर 2899 एकड़ बढ़ा है। नौ वर्ष में तीन गुना से भी अधिक रकबा बढ़ा है। वहीं ग्रीन हाउस के प्रोत्साहन की बात करें तो कांग्रेस सरकार ने नौ साल में 121 करोड़ रुपये खर्च किए, वहीं भाजपा एवं सहयोगी की सरकार ने अपने नौ साल के कार्यकाल में ग्रीन हाउस के निर्माण पर 380 करोड़ रुपये खर्च किए हैं।

ग्रीन हाउस को लेकर ऑनलाइन आवेदन लिए जा रहे हैं। किसानों को 50 प्रतिशत तक का अनुदान दिया जा रहा है। जिले में करीब 400 से अधिक किसानों ने पॉली हाउस बनाए हुए हैं। प्रगतिशील किसान पॉलीहाउस के जरिए अच्छी पैदावार लेकर मुनाफा कमा रहे हैं।

अभी तक प्रदेश में 1 करोड़ 52 लाख स्क्वेयर मीटर में करीब 3800 एकड़ भूमि में नेट हाउस लगे हुए हैं। चालू वर्ष का लक्ष्य 12,21,929 स्क्वेयर मीटर में 305 एकड़ में लगाने का लक्ष्य है। 

ग्रीन हाउस की उपलब्धि
साल रकबा (एकड़ में) खर्च (लाख में)
2005-06 2.50 2.34
2006-07 31.65 15.49
2007-08 42.75 18.26
2008-09 18.93 15.24
2009-10 3.83 1.99
2010-11 4.95 92.57
2011-12 38.75 1348.10
2012-13 330.25 4413.90
2013-14 456.25 6266.30
2014-15 196.28 3375.87
2015-16 396.00 4814.36
2016-17 248.83 3773.57
2017-18 260.75 2684.27
2018-19 244.25 3250.98
2019-20 363.00 5305.42
2020-21 308.98 4201.22
2021-22 375.15 5257.03
2022-23 506.00 5356.72
कुल 3829.07 50193.63