: फसलें खराब होने पर मुआवजा न देने से परेशान किसान बीमा कंपनी के विरुद्ध पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे। गोहाना उपमंडलीय परिसर में अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे किसानों ने ये निर्णय लिया। किसानों की फसलें खराब हो गई थीं और बीमा कंपनी ने मुआवजा देने की जगह उनका प्रीमियम वापस लौटा दिया था।
भारतीय किसान यूनियन चढूनी के प्रदेश उपाध्यक्ष सत्यवान नरवाल ने कहा कि 2021 और 2022 में जिले के हजारों किसानों ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत फसलों का बीमा करवाया था। जुलाई 2022 में खरीफ के सीजन में किसानों ने बीमा करवाया था। कंपनी 60 दिन के भीतर किसानों का प्रीमियम वापस लौटा सकती है, लेकिन नवंबर-दिसंबर में जब फसल कटाई प्रयोग हुआ काफी किसानों की फसल खराब मिली। उसके बाद कंपनी ने 1,752 किसानों का बीमा रद्द कर दिया। नरवाल ने आरोप लगाया कि जहां फसलें खराब नहीं हुई वहां पर लगभग 21 हजार किसानों का प्रीमियम कंपनी ने अपने पास रख लिया।
अब राज्य की कमेटी बीमा कंपनी के विरुद्ध कार्रवाई नहीं कर रही है। बीमा कंपनी द्वारा किसानों को मुआवजा नहीं दिया गया। किसान मुआवजे की मांग को लेकर 29 जनवरी से उपमंडलीय परिसर में धरना दे रहे हैं। सरकार के प्रतिनिधि और बीमा कंपनी के अधिकारी किसानों की सुध नहीं ले रहे हैं। ऐसे में किसान अब बीमा कंपनी के विरुद्ध उच्च न्यायालय की शरण में जाएंगे। भाजपा नेता जब चुनाव प्रचार के लिए उनके गांव में आएंगे तो उनसे सवाल भी लिए जाएंगे और साथ में उनका विरोध भी किया जायेगा।