कृषि कानूनों को लेकर पिछले छह माह से भी अधिक समय से किसान आंदोलन चल रहा है। इसको लेकर 5 जून को किसान आंदोलन के दौरान व्यापक स्तर पर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। साथ ही किसान संगठन तीनों कृषि कानूनों की प्रतियां भी जलाएंगे। इस दौरान सत्तापक्ष के सांसद व विधायकों के कार्यालय या आवास का घेराव करना था। झज्जर जिले में सत्तापक्ष का विधायक, सांसद व मंत्री नहीं होने के कारण ढांसा बॉर्डर पर ही विरोध प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है। ढांसा बॉर्डर पर सुबह से ही किसान संगठनों के पदाधिकारी व अन्य लोग एकत्रित होंगे और विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। इसको लेकर किसान संगठनों ने पहले ही तैयारी कर रखी है। ढांसा बॉर्डर पर खेती बचाओ कॉरपोरेट भगाओ दिवस भी मनाया जाएगा। किसान नेताओं का कहना है कि सरकार ने 5 मई 2020 को तीन अध्यादेश जारी किए थे। इसे एक वर्ष पूरा होने पर खेती बचाओ-कॉर्पोरेट भगाओ दिवस मनाया जा रहा है। किसान इन तीनों कृषि कानूनों का किसान विरोध कर रहे हैं, लेकिन सरकार ने अभी तक किसानों की मांग पूरी नहीं की। ढांसा बॉर्डर पर शनिवार को होने वाले विरोध प्रदर्शन को लेकर संगठनों ने पहले से ही तैयारी की हुई है। इसके लिए संगठन पदाधिकारियों ने गांव स्तर पर भी संपर्क अभियान चलाया। इस संपर्क अभियान के दौरान लोगों से आह्वान किया कि वे इस विरोध प्रदर्शन में शामिल हों। साथ ही ग्रामीणों से अपील की कि जो लोग बॉर्डर पर पहुंचकर विरोध प्रदर्शन नहीं कर सकते वे अपने-अपने गांव में विरोध प्रदर्शन करें। इस विरोध प्रदर्शन के माध्यम से तीनों कृषि कानूनों को रद करने की मांग उठाई जाएगी। किसान सभा ने सभी इकाइयों से आग्रह किया कि सभी किसान व खेत मजदूर संगठनों से तालमेल करके संयुक्त रूप में इसमें सहयोगी बनें।