हरियाणा में मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन के बाद किसान को मिलेंगी कई सुविधाएं

Parmod Kumar

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हरियाणा के कृषि मंत्री जय प्रकाश दलाल ने कहा है कि प्रदेश की सभी कृषि भूमि की मैपिंग होगी. इसका काम हो रहा है. इसके माध्यम से सभी किसानों का रजिस्ट्रेशन मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर किया जा रहा है. भूमि का पूरा रिकार्ड आ जाने के बाद किसानों की सुविधा और क्षेत्र के अनुसार मंडी और बिक्री केंद्र आदि बनाए जाएंगे. इन केंद्रों में किसानों को हेल्प डेस्क के जरिए मदद होगी. दलाल ने बताया कि मेरी फसल मेरा ब्योरा राज्य सरकार की एक प्रमुख योजना है जिसमें किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर अपनी फसल बेचने और कृषि व अन्य संबद्ध विभागों के अन्य लाभ प्राप्त करने के लिए खुद को रजिस्टर्ड करते हैं.

यह पोर्टल मेरा पानी मेरी विरासत, डायरेक्ट सीड राईस, बाजरा रिप्लेसमेट, भावांतर भरपाई योजना, उत्तम बीज आदि सहित लगभग सभी लाभों के लिए एक अम्ब्रेला प्लेटफार्म बन गया है. पोर्टल को शुरू करने का मुख्य उद्देश्य लोगों को एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर लाना था, जहां किसान और सरकार एक साथ आ सकते हैं. किसान अपनी फसल उगाने के लिए समय पर वित्तीय सहायता या अन्य लाभ प्राप्त कर सकते हैं. इस पोर्टल द्वारा सीधे बैंक, कोषागार या ई-खरीद के माध्यम से सब्सिडी सीधे किसानों के बैंक खाते में जमा की जा रही है.

लाभ लेने के लिए यह काम करें किसान

कृषि मंत्री ने बताया कि सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए भूमि मालिक किसान, बौने वाला किसान, ठेका किसान, साझा किसान, पट्टा किसान और मिश्रित किसान अपना व्यक्तिगत विवरण, भूमि रिकॉर्ड, फसल, बैंक खाता आदि देकर इस पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं. कृषि विभाग खरीफ 2020 से मेरी फसल मेरा ब्योरा के लिए नोडल विभाग है. इससे पहले, हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड इस पोर्टल पर सभी गतिविधियों को संचालित करने के लिए नोडल एजेंसी था.

किसानों के लिए क्या है फायदा

जय प्रकाश दलाल ने कहा कि इस पोर्टल को इस तरह से विकसित किया गया है कि इसने विशेष रूप से खरीद के क्षेत्र में किसानों की सभी मौजूदा समस्याओं का ध्यान रखा है. वह एमएसपी पर खरीद के समय इस पोर्टल के माध्यम से अब निकटतम मंडियों का चयन कर सकता है. अपने मंडी में आने का समय निर्धारित कर सकता है क्योंकि पोर्टल ई-खरीद से जुड़ा है. इसलिए उसे बिचौलियों के बिना सीधे उसके बचत बैंक खाते में एमएसपी का भुगतान हो जाता है. पोर्टल एमएसपी पर खरीद के समय किसान की उसकी पूरी उपज को दिखाने में भी मदद करता है.

कैसे सत्यापित होता है डेटा

दलाल ने बताया कि पोर्टल पर रजिस्टर्ड फसलों और क्षेत्र को तीन डेटा सेट (कृषि विभाग द्वारा फसल सत्यापन, राजस्व विभाग द्वारा ई-गिरदावरी और हरसेक द्वारा सैटेलाइट इमेजरी) के साथ सत्यापित किया जाता है. इसलिए उसकी उपज की गणना एमएसपी पर खरीद के लिए की जाती है. किसी भी विसंगति के मामले में, सभी बेमेल डेटा को हल करने के लिए राजस्व अधिकारियों (सीआरओ-नायब तहसीलदार, तहसीलदार, एसडीएम, डीआरओ, सीटीएम, डीडीपीओ, एडीसी, एचसीएम अधिकारी, डीसी) को भेजा जाता है. ये सभी अधिकारी अपने रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर के जरिए पोर्टल तक पहुंचते हैं.