फरवरी में आयोजित नहीं होगा इंटरनैशनल सूरजकुंड क्राफ्ट मेला

Rajni Bishnoi

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Faridabad News: अधिकारियों की मानें तो अब अप्रैल महीने में सरकार फिर से रिव्यू करेगी कि मेले का आयोजन करना भी है या नहीं। फिलहाल पर्यटकों को सूरजकुंड में मिनी भारत की झलक इस बार नहीं देखने को मिलेगी।

 फरीदाबाद
हर साल अरावली की वादियों में मिनी भारत की झलक पेश करने वाले इंटरनैशनल सूरजकुंड क्राफ्ट मेले का लुत्फ पर्यटक नहीं उठा पाएंगे। जहां कोरोना ने लोगों की लाइफस्टाल को पूरी तरह से बदल दिया है तो वहीं बड़े से बड़े फेस्टिवल पर भी इसका असर दिखाई दे रहा है। फरवरी महीने में आयोजित होने वाला सूरजकुंड क्राफ्ट मेला अब नहीं आयोजित होगा। सरकार ने मेले को स्थगित कर दिया है। हरियाणा टूरिजम अधिकारियों की मानें तो अब अप्रैल महीने में सरकार फिर से रिव्यू करेगी कि मेले का आयोजन करना भी है या नहीं। फिलहाल पर्यटकों को सूरजकुंड में मिनी भारत की झलक इस बार नहीं देखने को मिलेगी।

कला और कलाकारों का संगम नहीं होगा मेले में

इस बार साल 2021 में 35 वें इंटरनैशनल सूरजकुंड मेले का आयोजन होना था लेकिन कोरोना की वजह से सरकार ने इसे स्थगित करने का फैसला ले लिया है। 1 फरवरी से 15 फरवरी तक आयोजित होने वाले इस मेले में देश विदेश के कलाकार और कलाओं का संगम होता था। एनसीआर के अलावा कई राज्यों से पर्यटक मेले को निहारने के लिए पहुंचते थे। पूरे 15 दिन तक लोगों को अलग अलग कलाकारों की विधाओं और उनके हाथों से बनी चीजों को देखने का मौका मिलता था लेकिन इस साल पर्यटकों को मायूस होना पड़ेगा।

सूरजकुंड में लगने वाले हस्तशिल्प मेले में दुनियाभर भर के 20 से अधिक देश भी हिस्सा लेते हैं। इन एशियन, साउथ अफ्रीका और यूरोप की कंट्री शामिल होती है। इसके अलावा इन देशों के न केवल कलाकार बल्कि पर्यटक भी मेले में घूमने के लिए आते हैं। मेले में आने वाले अपनी संस्कृति से स्थानीय और विदेशी पर्यटकों को रूबरू कराते हैं। करीबन 5 माह पहले से मेले की तैयारी शुरू कर दी जाती है। जिसमें कंट्री पार्टनर और थीम स्टेट चुना जाता है। इसके अलावा भारत के सभी राज्यों के कलाकार मेले में हिस्सा लेते हैं। वहीं मेले में इंटरनेशनल और नेशनल अवार्डी कलाकार भी शिरकत करते हैं। इस साल मेले मेंं 15 दिनों में 5 लाख से अधिक स्थानीय और विदेशी पर्यटकों ने शिरकत की थी। लेकिन ये सब अब नहीं होगा।

टूरिज्म को होगा घाटा
कोरोना के कारण इंटरनैशनल सूरजकुंड क्राफ्ट मेले का आयोजन इस बार न होने से हरियाणा टूरिजम के रेवेन्यू पर तो असर पड़ेगा ही साथ में उनक कलाकारों को भी नुकसान होगा जो हस्तशिल्प से जुड़े हुए हैं। क्योंकि 15 दिन के अंदर कलाकार अपने हस्तशिल्प को बेच कर मुनाफा कमाते थे लेकिन उनके मुनाफे पर कोरोना का ग्रहण लग चुका है। वहीं हरियाणा टूरिजम के रेवेन्यू पर भी साफ असर पड़ेगा।

मेले को स्थगित कर दिया
हरियाणा टूरिजम मिनिस्टर कंवरपाल गुर्जर ने बताया कि कोरोना को लेकर इस बार सबसे बड़े इंटरनैशनल सूरजकुंड क्राफ्ट मेले का आयोजन फरवरी में नहीं किया जाएगा। इसे स्थगित कर दिया गया है। अप्रैल 2021 में फिर से रिव्यू होगा अगर संभावनाएं दिखाई दी तो अप्रैल के बाद इस मेले का आयोजन किया जा सकता है।