पंजाब में शिरोमणि अकाली दल के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया के खिलाफ मोहाली में FIR दर्ज कराई गई है. सूत्रों के बताया कि ड्रग्स के पुराने मामलों को लेकर बिक्रम मजीठिया के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. अकाली दल के नेताओं ने आरोप लगाया है कि पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू और पंजाब के सीएम चरणजीत सिंह चन्नी के दबाव में मजीठिया के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है.
दरअसल, अकाली दल पिछले कई दिनों से यह आरोप लगा रहा था कि पंजाब सरकार लगातार पंजाब पुलिस के अफसरों पर बिक्रम सिंह मजीठिया और अन्य अकाली के नेताओं के खिलाफ मुकदमा दायर करने का दबाव बना रही है. अकाली दल के नेता लगातार प्रेस कांफ्रेंस करके इसकी आशंका जता रहे थे कि उनकी पार्टी के सीनियर नेताओं पर FIR दर्ज की जा सकती है.
‘कांग्रेस ने पुलिस विभाग को अपने कब्जे में ले लिया’
हालांकि फिलहाल अभी इसकी जानकारी नहीं मिली है कि किन धाराओं के तहत बिक्रम मजीठिया के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. गौरतलब है कि शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल पंजाब सरकार पर आरोप लगाया था कि मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी, उपमुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू उनके और उनकी पार्टी के वरिष्ठ नेता बिक्रम सिंह मजीठिया के खिलाफ झूठे मामले दर्ज करने के लिए पुलिस अधिकारियों पर दबाव बना रहे हैं.
SAD अध्यक्ष ने आरोप लगाया था कि कांग्रेस ने पुलिस विभाग को अपने कब्जे में ले लिया है और पुलिस अधिकारियों को अकाली दल के वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए मजबूर किया जा रहा है. उन्होंने कहा था, ‘ईमानदार पुलिस अधिकारियों ने इन गैर-संवैधानिक आदेशों का पालन करने से इनकार कर दिया.’ अध्यक्ष ने दावा करते हुए कहा था, ‘इसलिए ही जल्दी जल्दी जांच ब्यूरो के दो अधिकारियों को बदल दिया गया है.’
चीमा ने भी लगाया था कांग्रेस सरकार पर बड़ा आरोप
बता दें कि पिछले महीने बादल ने पंजाब में सत्तासीन कांग्रेस सरकार पर मजीठिया को अवैध ड्रग्स के झूठे मामले में फंसाने की साजिश रचने का आरोप लगाया था. SAD नेता दलजीत सिंह चीमा ने भी हाल में आरोप लगाते हुए बोला था कि कांग्रेस मजीठिया को ‘झूठे मामले’ में फंसाने और उन्हें गिरफ्तार करने पर तुली हुई है. बादल ने दावा किया, ‘कांग्रेस राज्य विधानसभा चुनावों से पहले अपनी विफलताओं से ध्यान हटाने के लिए प्रतिशोधी रवैया अख्तियार कर रही है.’ उन्होंने आरोप लगाया, ‘आदर्श आचार संहिता लागू होने से कुछ दिन पहले बिक्रम मजीठिया को झूठे मामले में फंसाने के प्रयास किए जा रहे हैं.’