रिफाइनरी स्थित पीटीए प्लांट में शट-डाउन के दौरान एक यूनिट में वेल्डिंग करते समय धमाके के साथ आग लग गई। जिसमें चार श्रमिक बुरी तरह से झुलस गए। झुलसे श्रमिकों को उपचार के लिए रिफाइनरी अस्पताल ले जाया गया। जहां एक श्रमिक की हालत गंभीर होने के कारण प्राथमिक उपचार के बाद पानीपत के लिए रेफर कर दिया गया। जिसे इलाज के लिए पानीपत के एक निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। जबकि तीन श्रमिकों को प्राथमिक उपचार के बाद घर भेज दिया गया।
वीरवार दोपहर लगभग 12 बजे के रिफाइनरी स्थित पीटीए प्लांट की एक यूनिट में वेल्डिंग करते समय धमाके के साथ आग लग गई। जिसमें ए.बी.ई. कंपनी के चार श्रमिक आशीष, संदीप कुमार, दीपक एवं अजय कुमार बुरी तरह से झुलस गए। जिन्हें उपचार के लिए रिफाइनरी अस्पताल ले जाया गया। जहां श्रमिक आशीष की हालत अधिक गंभीर होने के कारण उसे पानीपत के एक निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। जबकि तीनों श्रर्मिकों को रिफाइनरी अस्पताल से प्राथमिक उपचार के बाद घर भेज दिया गया। आग की सूचना मिलते ही रिफाइनरी दमकल विभाग की गाड़ी मौके पर पहुंची। लेकिन आग का गुबार पहले ही बंद हो गया था।
मुख्य महाप्रबंधक तरुण कुमार बिसई ने बताया कि पीटीए प्लांट में मेंटेनेंस का काम चल रहा है। वहां पर वेल्डिंग करते समय चार श्रमिक झुलस गए हैं। चारों श्रमिक ठीक हैं जिनमें से तीन श्रमिकों को प्राथमिक उपचार के बाद घर भेज दिया गया है। चौथे श्रमिक को डॉक्टरों की निगरानी में रखा गया है। जिसे कल छुट्टी मिल जाएगी।
हादसे में झूलसे से डाहर गांव निवासी आशीष के चाचा सुरेंदर ने बताया की प्लांट में बिना परमिशन के जबरदस्ती काम करवाया जा रहा था। घायल आशीष के चाचा ने रिफाइनरी प्रशासन की लापरवाही बताई है। उन्होंने बताया कि उनका भतीजा हादसे में 80% झुलस गया है और घर में अकेला ही कमाने वाला था। उन्होंने रिफाइनरी प्रबंधन से आशीष का उपचार करवाने और मुआवजा देने की मांग की है। वहीं परिजनों ने कहा कि रिफाइनरी प्रशासन लीकेज के बारे में पहले बता देता तो हादसा रोका जा सकता था।