फरीदाबाद कार चुराकर म्यांमार में ड्रग्स तस्करी करने वाले गिरोह के दो और सदस्यों को शहर की क्राइम ब्रांच ने पकड़ लिया है। इनमें से एक को फिल्मी अंदाज में मणिपुर के इंफाल इंटरनैशनल एयरपोर्ट के रनवे से फ्लाइट रुकवा कर गिरफ्तार किया गया है। अंतरराज्यीय कार चोर गिरोह का यह सदस्य गिरफ्तारी से बचने के लिए राज्य छोड़कर कोलकाता भाग रहा था। क्राइम ब्रांच-30 उसे पकड़ने के लिए मणिपुर गई थी। टीम के आने की भनक लगने पर आरोपित अरिबम गुनानांडा वहां से फरार होने की फिराक में था। क्राइम ब्रांच उसे गिरफ्तार कर 3 दिन के ट्रांजिट रिमांड पर फरीदाबाद लाई है। शुक्रवार को उसे कोर्ट में पेश करके 4 दिन के पुलिस रिमांड पर लिया गया है।सेक्टर-30 क्राइम ब्रांच ने 10 सितंबर को बदरपुर बॉर्डर एरिया से जिस नकली आईपीएस अधिकारी अबंग मेहताब व उसके साथी कबीर खान को गिरफ्तार किया था, उन्होंने रिमांड के दौरान पूछताछ में ड्रग्स तस्करी का भी खुलासा किया है। इन दोनों को दिल्ली एनसीआर से चोरी की लग्जरी कारों को मणिपुर ट्रांसपोर्ट कर बेचने के आरोप में पकड़ा गया था।
कोलकाता भाग रहा था
इसी कड़ी में चोरी की कार खरीदने वाले मणिपुर निवासी एक अन्य आरोपित मोहम्मद असकर को उसके गांव चोबाक लिलोंग, थौबल, मणिपुर से गिरफ्तार किया गश्स। तभी दूसरे आरोपी अरिबम गुनानांडा को खबर लग गई कि पुलिस ने उसके एक साथी को पकड़ लिया है और उसे भी गिरफ्तार करने आ रही है। वह मणिपुर से कोलकाता भागने के लिए इंफाल इंटरनैशनल एयरपोर्ट पर पहुंच कर इंडिगो एयरलाइंस की कोलकाता जाने वाली फ्लाइट में बैठ गया और फ्लाइट रनवे पर थी।
एटीसी की मदद से रुकवाई फ्लाइट
सेक्टर-30 क्राइम ब्रांच प्रभारी विमल कुमार ने सीआईएसएफ और एसपी क्राइम की मदद से एटीसी से कहकर फ्लाइट रुकवाने का अनुरोध किया। फ्लाइट का पायलट पार्किंग एरिया से निकलकर रनवे पर टेकऑफ के लिए इंजन शुरू कर चुका था। तभी एटीसी ने कमांड दिया कि अल्फा-1 स्टॉप। जिसके बाद दोबारा से रनवे पर ही सीढ़ियां लगाकर आरोपित अरिबम को फ्लाइट से नीचे उतारा गया। इसके बाद उसे डीबोर्ड कराकर गिरफ्तार कर दोनों को क्राइम ब्रांच वहां से लेकर शहर आई।
कार चोरी होते ही लग जाती थी उसकी बोली
क्राइम ब्रांच ने बताया कि पहले गिरफ्तार हुए अबंग मेहताब व उसके साथी कबीर खान चोरी की गाड़ियों को मणिपुर तक पहुंचाने का काम करते थे। इस दौरान अबंग फर्जी आईपीएस की वर्दी और एनआईए का फर्जी कार्ड दिखाकर टोल प्लाजा और पुलिस नाकों पर रोकटोक से बचता रहा। वहीं, गुरुवार को गिरफ्तार हुए मोहम्मद असकर और अरिबम गुनानांडा उन चोरी की कारों की वॉट्सऐप ग्रुप्स के जरिए बोली लगाते थे। कार पहुंचने से पहले ही उसी सेल हो जाती थी। इसके बाद कार बोली लगाने वाले युवक से पैसे लेकर सीधे उसे दे दी जाती थी।
इंजन और चेचिस नंबर बदल करा देते हैं नया रजिस्ट्रेशन
आरोपियों ने पूछता\Bछ में बताया कि वे लोग हर कार को चुराने के बाद उसके चेचिस और इंजन नंबर को बदल देते थे। जिसके बाद मणिपुर में उन कारों का दोबारा से ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन करा लेते थे। इस वजह से क्राइम ब्रांच जब चोरी की कारों को रिकवर करने गई तो कार मालिक ने गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन के कागज दिखा दिए। ऐसे में वो एक भी चोरी की कार बरामद नहीं कर सके।