उत्तराखंड में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव 2022 का हवाला देते हुए पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा है कि वह चाहते हैं कि उन्हें कांग्रेस के पंजाब प्रभारी की जिम्मेदारी से मुक्त किया जाए. उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी की चुनाव अभियान समिति के प्रमुख रावत ने कहा कि उनके मन में यह था कि प्रदेश विधानसभा चुनाव पर पूरा ध्यान लगाने के लिए वह पंजाब प्रदेश कांग्रेस की जिम्मेदारी से मुक्त किये जाने का आग्रह करेंगे.
दरअसल, उन्होंने उत्तराखंड विधानसभा चुनाव पर ध्यान केंद्रित करने के लिए पंजाब प्रभारी की जिम्मेदारी से मुक्त किए जाने की मांग की है तो उन्होंने गुरुवार को देहरादून में मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि पार्टी जो भी फैसला करेगी, उसका वह पालन करेंगे. रावत ने कहा कि अगर मेरी पार्टी कहती हैं आप पंजाब प्रभारी की जिम्मेदारी जारी रखें तो मैं इस जिम्मेदारी का निवर्हन करता रहूंगा.
हरीश रावत कांग्रेस की ओर से बड़ा चेहरा
गौरतलब है कि, पंजाब और उत्तराखंड में अगले साल फरवरी-मार्च में विधानसभा चुनाव होना है. ऐसे में पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के बीच रिश्तों में कड़वाहट होने के कारण पिछले कुछ महीनों में कई बार विवाद खड़ा हुआ है. रावत के करीबियों का कहना है कि पंजाब कांग्रेस में विवाद को सुलझाने के प्रयास में उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री अपने राज्य में पूरा ध्यान नहीं दे पा रहे हैं, जबकि वह कांग्रेस की ओर से उत्तराखंड कें सबसे बड़े चेहरे हैं.
उत्तराखंड पर करना चाहते हैं ध्यान केंद्रित
बता दें कि अगले साल विधानसभा के चुनाव होने हैं और हरीश रावत फिलहाल राज्य में पार्टी के सबसे बड़े नेता है. माना जा रहा है कि पार्टी उत्तराखंड में हरीश रावत को मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित कर सकती है. चूंकि हरीश रावत पहले भी राज्य की कमान संभाल चुके हैं और उनके पास सीनियरटी का भी काफी अनुभव है, ऐसे में पार्टी उन्हें पंजाब के प्रभारी पद से भी मुक्त कर सकती है. उत्तराखंड के मुद्दों को लेकर रावत सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव होते नजर आ रहे हैं और सत्ताधारी बीजेपी पर हमला करते रहते हैं.