हरियाणा के पूर्व मंत्री संपत सिंह ने राज्य कार्यकारिणी में सदस्यता से इंकार कर दिया, कहा कि पुलिस कि सुरक्षा में राजनीतिे असंभव है।

Parmod Kumar

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इनेलो और कांग्रेस की सीट पर 6 बार विधायक बने प्रोफेसर संपत सिंह ने 2019 में भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की मौजूदगी में भाजपा ज्वाइन की थी. भाजपा नेता संपत सिंह ने प्रदेश कार्यकारिणी में सदस्यता से इंकार कर दिया है. उन्होंने कहा कि पार्टी को प्राथमिकता के आधार पर किसानों के मुद्दे का हल निकालना चाहिए. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि वो राज्य कार्यकारिणी की सदस्यता कबूल नहीं कर सकते. पिछले सप्ताह भाजपा की प्रदेश कार्यकारिणी का विस्तार किया गया था. इसमें पूर्व मंत्री संपत सिंह को भी कार्यकारिणी सदस्य बनाया गया था. संपत सिंह ने अपने ट्वीट में लिखा- प्रिय धनखड़ जी! वर्तमान राजनीतिक हालात के चलते मैं राज्य कार्यकारिणी की सदस्यता कबूल नहीं कर सकता हूं. पार्टी को प्राथमिक तौर पर किसानों के मुद्दों का हल निकालना चाहिए जिसका मैंने भी लगातार समर्थन किया है. बंद कमरे में पुलिस सुरक्षा में राजनीति असंभव है।
संपत सिंह का ट्वीट

बता दें कि इनेलो और कांग्रेस की सीट पर 6 बार विधायक बने प्रोफेसर संपत सिंह ने 2019 विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की मौजूदगी में भाजपा ज्वाइन कर ली थी. संपत सिंह इनेलो सरकार के समय प्रदेश के वित्तमंत्री रह चुके हैं. बाद में वह कांग्रेस में शामिल हुए थे. कांग्रेस की टिकट पर हिसार लोकसभा और नलवा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ चुके हैं. 2019 के विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा में शामिल हुए।

हरियाणा भाजपा प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक गुरुवार को हुई थी, जिसमें पार्टी नेताओं ने एक सुर में किसान आंदोलन पर कटाक्ष कर इसे आंदोलन को राजनीति से प्रेरित बताया था. भाजपा नेताओं ने बैठक में कहा कि किसान आंदोलन का चरम समाप्त हो चुका है, अब वहां सिर्फ राजनीति हावी है. आंदोलन का एजेंडा पूरी तरह बदल चुका है और यह सिलेक्टिव बनकर रह गया है।