चंडीगढ़, छह जुलाई (भाषा) पंजाब के पूर्व पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) मोहम्मद इजहार आलम का मोहाली में मंगलवार को एक निजी अस्पताल में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वह 72 वर्ष के थे। आलम के परिवार में उनकी पत्नी, तीन बेटे और दो बेटियां हैं। पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने आलम के निधन पर शोक जताया है। अपने शोक संदेश में मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘पंजाब वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष के तौर पर भी सेवा दे चुके मोहम्मद इजहार आलम के निधन की खबर सुनकर दुखी हूं।

आतंकवाद के दौरान जब उन्हें पंजाब के विभिन्न जिलों में तैनात किया गया तो उन्होंने लोगों को सुरक्षा देने के लिए हथियार मुहैया करवाए। आतंकवाद से लड़ाई में उन्होंने आलम सेना भी बनाई, इसीलिए जब वह रिटायरमेंट के बाद शिरोमणि अकाली दल में शामिल हो गए तो इसका बहुत विरोध हुआ। सिख संगठनों ने शिअद पर आरोप लगाया कि बेकसूर सिखों को झूठे मुकाबलों में मारने वाले इजहार आलम को अकाली दल की सरकार ने पार्टी में शामिल कर लिया है। यही नहीं, उनकी पत्नी फरजाना आलम खातून को 2012 में एक अन्य पुलिस अधिकारी मोहम्मद मुस्तफा की पत्नी रजिया सुल्ताना के खिलाफ खड़ा कर दिया जो वहां से पहले भी विधायक भी रह चुकी थीं। चूंकि मोहम्मद मुस्तफा की तुलना में मोहम्मद इजहार आलम सौम्य स्वभाव के माने जाते थे, इसलिए उनकी पत्नी मालेरकोटला से कड़े मुकाबले में जीत गईं। वहीं, अकाली-भाजपा सरकार ने इजहार आलम को वक्फ बोर्ड का चेयरमैन लगा दिया था। इजहार आलम को 1987 में पद्मश्री से भी नवाजा जा चुका है।
















































